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पिता चलाते थे ऊंट गाड़ी और बेटा UPSC क्रैक कर बने IPS, जानिए IPS प्रेमसुख डेलू के संघर्ष की कहानी।

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राजस्थान के बीकानेर के रासीसर गांव के डेलू परिवार में 3 अप्रेल 1988 को जन्मे आईपीएस अधिकारी प्रेमसुख डेलू युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी कामयाबी को इस तरह समझा जा सकता है कि जिस देश में सरकारी नौकरी पाने के लिए लाखों उम्मीदवार कई साल तक निरंतर मेहनत करते हैं और फिर भी उन्हें प्राप्त नहीं कर पाते वही उन्हीं हालातों के बीच इनकी 12 दफा सरकारी नौकरी लग चुकी है।

गुजरात कैडर के आईपीएस प्रेमसुख डेलू सरकारी नौकरी लगने का दौर वर्ष 2010 में शुरू हुआ था। सर्वप्रथम उन्हें बीकानेर में पटवारी का पोस्ट मिला लेकिन लाइफ में कुछ बड़ा मुकाम पाना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने तक नौकरी के साथ पढ़ाई जारी रखी। वर्ष 2014 में उनका चयन राजस्थान प्रशासनिक सेवा में हुआ। उन्होंने रेवेन्यू सर्विस ज्वाइन की लेकिन वहां एक रैंक से पीछे रह गए।

उन्होंने कड़ी मेहनत के दम पर यूपीएससी क्लियर किया और 170 वीं रैंक हासिल कर आईपीएस अधिकारी बने। प्रेमसुख की छवि दबंग और बेहद इमानदार आईपीएस अधिकारी के तौर पर बन चुकी है। अक्सर अखबारों में इनकी जाबांजी और बहादुरी के किस्से छपते रहते हैं।

बता दें कि प्रेमसुख का बचपन काफी गरीबी में गुजरा और पढ़ाई सरकारी विद्यालयों में हुई। गरीबी इतनी थी कि प्रेमसुख आठवीं क्लास तक फुल पैंट नहीं पहने थे। प्रेमसुख कहते हैं कि मां-पापा पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन मुझे पढ़ने-लिखने का असंख्य अवसर देकर काबिल बना दिया।