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संघर्षों और दृढ़संकल्प के बदौलत UPSC क्रैक कर IPS बनने वाले नूरुल हसन की प्रेरणादायक कहानी जानिए।

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संघर्षों के घेरे में रहकर कामयाबी को बुलंदी को छूना ही आईपीएस अफसर नुरुल हसन की कहानी है। नुरूल कहते हैं कि आप किसी समुदाय से हो, अगर आप में काबिलियत और मेहनत करने की क्षमता हो तो कुछ भी कर सकते हैं। महाराष्ट्र कैडर का यह आईपीएस अधिकारी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। यूपी के पीलीभीत में जन्मे नुरूल की आईपीएस बनने की कहानी हम सभी को पढ़नी चाहिए।

प्रारंभिक पढ़ाई पीलीभीत में करने वाले नूरुल के पिता की नौकरी ग्रुप डी में हो गई और फैमिली बरेली शिफ्ट हो गए। और उनके पिताजी के पास ग्रेजुएशन की डिग्री थी परंतु अच्छी नौकरी नहीं मिलने की वजह से निम्न दर्जे के नौकरी को स्वीकारना पड़ा।

नुरूल हसन ने साल 2009 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बी.टेक की पढ़ाई कंप्लीट की। पढ़ाई के दौरान आर्थिक तंगी जीने वाले नूरूल को गुड़गांव की कंपनी में पहली नौकरी मिली। वहां खुद को फिट नहीं पा रहे थे लिहाजा समाज में बेहतर ढंग से योगदान देने के लिए वर्ष 2012 में यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2015 में उन्हें 625वीं रैंक मिली।

यूपीएससी की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स के लिए नुरूल ने कहा, असफलताओं से नहीं डरें। सिविल सेवा एग्जाम आत्मविश्वास और धैर्य की परीक्षा है। इसलिए सफलता नहीं मिलने पर कोशिश करें अगली दफा बेहतर करें और अंत में आपको कामयाबी अवश्य मिलेगी।