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16 फ्रैक्चर और 8 सर्जरी के बाद भी नहीं टूटा हौसला, झुग्गी में पली-बढ़ी लड़की ऐसे बनी IAS, पढ़ें संघर्ष की कहानी

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राजस्थान के पाली की रहने वाली उम्मुल खेर बचपन से ही विकलांग थीं, परंतु उन्होंने कभी भी इसे अपनी कामयाबी में रुकावट नहीं बनने दी और UPSC एग्जाम पास कर IAS ऑफिसर बनीं। उम्मुल खेर बोन फ्रेजाइल डिसऑर्डर से पीड़ित हैं उम्मुल ने कुल 16 फ्रैक्चर तथा 8 सर्जरियों को झेला है। झुग्गी से निकलकर पहले ही अटेम्प्ट में IAS ऑफिसर बनीं।

कहते हैं कि अगर दिल में चाहत हो तो हम कोई भी सफलता प्राप्त किया जा सकता है तथा कुछ ऐसा ही राजस्थान के पाली की रहने वाली उम्मुल खेर ने कर दिखाया। उम्मुल खेर बोन फ्रेजाइल डिसऑर्डर से पीड़ित हैं, उसमे शरीर की हड्डिया कमजोर हो जाती हैं। बोन फ्रेजाइल डिसऑर्डर के कारण से कई बार उनकी हड्डियां टूट जाती थी। उन्होंने अपनी जीवन में कुल 16 फ्रैक्चर तथा 8 सर्जरियों को बर्दास्त किया है।

उम्मुल खेर का जन्म राजस्थान के पाली मारवाड़ में एक गरीब परिवार में हुआ था। परिवार के सदस्य में तीन भाई-बहन और मां-पापा थे। जब उम्मुल छोटी थीं तब उनके पिता रहने के हेतु दिल्ली आ गए थे तथा उनका परिवार निजामुद्दीन जगह में स्थित झुग्गी झोपड़ी में निवास करने लगा। उनके पिता फेरी लगाकर कपड़े बेचा करते थे, परंतु कमाई उतनी नहीं होती थी। एक वक्त तो उम्मुल के परिवार के सामने बड़ी दिक्कत आ गई, जब सरकारी निर्देश के बाद निजामुद्दीन की झुग्गियों को तोड़ दिया गया तथा फिर उनका फैमिली त्रिलोकपुरी की झुग्गियों में शिफ्ट हो गया।

UPSC की प्रिपरेशन करना उम्मुल खेर के हेतु बिल्कुल आसान नहीं था, क्योंकि उनके परिवार की आर्थिक सिचुएशन बहुत खराब था। उम्मुल ने बहुत कम आयु में ही ट्यूशन पढ़ाना आरंभ कर दिया था एवम ट्यूशन पढ़ाकर जो पैसे आते थे उससे वह अपने स्कूल की फीस भरा करती थीं। उन्होंने 10वीं में 91 प्रतिशत तथा 12वीं में 89 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद उम्मुल ने जेएनयू के इंटरनेशनल स्टडीज स्कूल से एमए किया एवम फिर इसी यूनिवर्सिटी में एमफिल/पीएचडी कोर्स में दाखिला करवाया। उसके सहित ही उन्होंने UPSC की भी प्रिपरेशन आरंभ कर दी।

कड़ी परिश्रम के बाद उम्मुल खेर ने वर्ष 2017 में पहले ही अटेम्प्ट में UPSC एग्जाम क्रैक किया तथा ऑल इंडिया में 420वीं रैंक प्राप्त की। उसके बाद वह IAS ऑफिसर बनीं और उनकी परिश्रम की कहानी लोगों के लिए प्रेरणादायक है।