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10वीं पास करने में भी जिसे एड़ी चोटी की जोड़ लगानी पड़ी, वे UPSC पास कर बने IAS, अन्य अभ्यर्थियों के लिए पेश कि मिसाल

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किसी के द्वारा सच ही बोला गया है “हार और जीत हमारी सोच पर निर्भर है, मान लिया तो हार और ठान लिया तो जीत.” इसी प्रकार की स्टोरी है भरूच के IAS तुषार डी सुमेरा की, जो क्लास 10वीं में बड़ी ही कठिनाइयों से पास हुए थे, परंतु आगे चलकर ना सिर्फ उन्होंने UPSC की सिविल सर्विस एग्जाम पास की, जबकि अच्छी रैंक प्राप्त करते हुए IAS अफ़सर भी बनें।

अक्सर बताया जाता है कि UPSC की सिविल सर्विस एग्जाम की पढ़ाई में बहुत तेज-तर्रार स्टूडेंट्स ही कामयाब हो पाते हैं। जबकि, ऐसा बिलकुल नहीं है इसलिए कामयाबी किसी की मोहताज नहीं होती एवं इस बात को हर प्रकार से तुषार दलपतभाई सुमेरा द्वारा सच कर दिखाया है। तुषार को जहां क्लास 10 में पासिंग मार्क्स लाने के हेतु एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ गया था, वहीं उन्होंने UPSC जैसी दुर्गम एग्जाम में कामयाबी हासिल कर IAS अफ़सर के स्वरूप में एक मिसाल कायम की है।

गुजरात के भरूच जिले के कलेक्टर तुषार सुमेरा की स्टोरी यह सीख देती है कि एग्जाम के खराब परिणाम के वजह से किसी भी स्टूडेंट के जीवन में कामयाबी का रास्ता बंद नहीं होते हैं। कह दें कि 2012 बैच के IAS अफ़सर तुषार डी सुमेरा को क्लास 10वीं में सिर्फ पासिंग मार्क्स ही प्राप्त हुए थे। तुषार को क्लास 10वीं में मैथ्स में 36, इंग्लिश में 35 एवं साइंस में 38 मार्क्स ही मिले थे। इसके बाद तब भी उन्होंने हार नहीं मानी एवं UPSC एग्जाम पास कर अपने घर वाले के नाम को रोशन कर के दिखाया। छत्तीसगढ़ कैडर के IAS ऑफिसर अवनीश शरण द्वारा ट्विटर पर तुषार की फोटो एवं उनकी मार्कशीट शेयर करते हुए लिखा था कि तुषार को उनके स्कूल के सहित उनके गांव में भी यह बोला गया था कि वह जीवन में कुछ नहीं कर सकेंगे।

कह दें कि तुषार ने किसी प्रकार से क्लास 10वीं की एग्जाम पास की, परंतु अपनी आगे की शिक्षा को भी जारी रखा। तुषार ने अपनी पढ़ाई पर फॉक्स हो कर पढ़ना शुरू किया एवं अच्छे मार्क्स के साथ क्लास 12वीं पास कर डाली। उसके उपरांत उन्होंने बीए (B.A) एवं फिर बीएड (B.Ed) की डिग्री प्राप्त की एवं एक सहायता करने वाले शिक्षक के तौर पर पढ़ाना आरंभ कर दिया।

सहायक शिक्षक की जॉब करते हुए तुषार द्वारा UPSC की एग्जाम देने का फैसला लिया। उसके उपरांत वे एग्जाम की प्रिपरेशन में जी-जान से जुट गए। उन्होंने पढ़ाने के साथ-साथ UPSC के हेतु पढ़ना भी जारी रखा। परीक्षा के हेतु कड़ी परिश्रम करते हुए उन्होंने वर्ष 2012 में UPSC की सिविल सर्विस एग्जाम पास कर डाली। उसके सहित ही अच्छी रैंक प्राप्त करते हुए इंडियन सत्ताधिकार सर्विस के ऑफिसर भी बन गए। कह दें कि भरूच में उत्कर्ष पहल मुहिम के अंतर्गत किए गए तुषार के कामों की पीएम नरेन्द्र मोदी भी प्रशंसा कर चुके हैं।