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स्वास्थ्य की खराबी के बावजूद आगे बढ़ते रहे, नहीं मानी हार; यूपीएससी 2021 की परीक्षा में प्राप्त की सफलता प्राप्त कर बने आईएएस
यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित में से एक है। इसको लेकर छात्रों एक अलग जुनून देखने को मिलता है। इसी वजह से छात्र परिस्थिति के विपरित जाकर भी प्रयास करते रहते हैं। ऐसी ही कहानी रिंकू राही की है। रिंकू राही ने 100 करोड़ रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले का खुलासा किया था। इसकी वजह से उनपर हमले भी हुए और गोलियां भी चलाई गई। गोलियां लगने के बावजूद रिंकू ने हार नहीं मानी और वर्ष 2021 के यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की।
रिंकू अपनी प्राथमिक पढ़ाई पूर्ण करने में पश्चात वर्ष 2008 में पीसीएस अधिकारी बने थे। उन्हें उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में समाज कल्याण अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। इस दौरान उन्होंने छात्रवृत्ति में हुए घोटाले का खुलासा किया था जिसके फलस्वरूप उन्हें 2009 में सात गोलियां मारी गई थी। उन सात गोलियों में से तीन गोलियां उनके चेहरे पर लग गई जिसकी वजह से उनके एक आंख की रोशनी चली गई। इसके साथ ही उन्हें एक कान से सुनाई देना भी बंद हो गया था। इन विपरित परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और वर्ष 2021 में यूपीएससी एग्जाम में सफलता हासिल कर मिसाल कायम किया।
रिंकू के पिता का नाम शिवदान सिंह है जो आटा चक्की में काम करते थे। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी काफी कमजोर थी। इसी की वजह से उनके पिता रिंकू को किसी कॉन्वेंट स्कूल में प्रशिक्षण दिलाने में असमर्थ रहे। रिंकू ने अपनी पढ़ाई सरकारी स्कूल से पूरी की। रिंकू ने अपनी प्राथमिक शिक्षा परिषदीय स्कूल से प्राप्त की और इंटर की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज से पूरा किया।
रिंकू बताते हैं कि उन्होंने इंटर की परीक्षा में अच्छे अंक हासिल किए और उन्हें छात्रवृति दी गई। छात्रवृत्ति में मिले पैसों की मदद से उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट से बीटेक की डिग्री हासिल की। इसके पश्चात साल 2008 में वह पीसीएस में चयनित हुए और उन्हें यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में समाज कल्याण अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया।
इसी दौरान उन्होंने विभाग में चल रहे घोटाले का खुलासा किया जिसकी वजह से उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई और उनकी एक आंख की रोशनी चली गई। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और यूपीएससी एग्जाम में सफलता हासिल की। वर्ष 2019 से रिंकू हापुड़ में स्थित राजकीय आईएएस पीसीएस निःशुल्क कोचिंग सेंटर के प्रभारी के रूप में कार्यरत थे। इसी दौरान उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और यूपीएससी परीक्षा 2021 में 683वीं रैंक हासिल किया। यूपीएससी में कुछ विशेष श्रेणियों के अभ्यर्थियों के लिए आयु में छूट दी जाती है। इससे रिंकू को काफी मदद मिली। रिंकू आज आठ साल के बच्चे के पिता हैं।