MOTIVATIONAL
स्कूल में सेट किया था UPSC का टारगेट, थर्ड अटेम्प्ट में वरुणा ने इस स्ट्रैटजी से पाई सफलता
वरुणा ने हाई स्कूल के समय ही फैसला कर लिया था कि वह UPSC पास कर सिविल सर्विसेज़ जॉब करेंगी। ग्रेजुएशन करते ही वह हर प्रकार से UPSC की प्रिपरेशन में लग गईं।
UPSC एग्जाम में सफलता प्राप्त करने के हेतु टॉपर्स कई प्रकार की स्ट्रैटजी बताते हैं, जो एग्जाम की प्रिपरेशन कर रहे कैंडिडेट को मोटिवेट करती है। ऐसी ही कुछ स्ट्रैटजी वरुणा अग्रवाल द्वारा भी बताई, उन्होंने शुरुआती दो प्रयास में असफलता मिलने के बाद भी हार नहीं मानी तथा थर्ड अटेम्प्ट में 38वीं रैंक प्राप्त कर IAS बनने का लक्ष्य पूरा किया। कैंडिडेट के हेतु उन्होंने बताया कि शुरुआती प्रयास में असफलता मिलने से कैंडिडेट को उदास नहीं होना चाहिए तथा अपना टारगेट तय कर प्रोपर टाइम टेबल बनाकर प्रिपरेशन करना चाहिए।
UPSC की प्रिपरेशन के हेतु वरुणा ने बताया है कि किसी टॉपिक में होने वाली डाउट को क्लियर करने के हेतु कैंडिडेट को किसी एक प्रकाशन पर ही विश्वास कर उसी से पढ़ाई करना चाहिए। अधिक प्रकाशन की बुक्स से पढ़ाई करने से कन्फ्यूजन और बढ़ जाएगी। सिलेबस का टाइम टाइम पर रिवीजन करते रहें, उससे ये होता है कि पढ़ा हुआ लगातार याद में रहता है आपको अपनी प्रिपरेशन का भी पता लग सकेगा। वरुणा का कहना हैं कि कैंडिडेट को परीक्षा की प्रिपरेशन करने के सहित ही अपने ओवरऑल डॅवलपमेंट पर भी फोकस देना चाहिए। सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाने का बेनिफिट कैंडिड्टे को इंटरव्यू में प्राप्त होगा ।