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रेलवे ट्रैक और हाईवे के किनारे बनाए जायेंगे हेलीपैड, घायलों को सही समय पर अस्पताल ले जाने की होगी कोशिश

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सरकार रेलवे ट्रैक और हाईवे के किनारे हेलीपैड बनाने पर काम कर रही है ताकि घायलों को सही समय पर अस्पताल ले जाया जा सके। केंद्र सरकार रेलवे और हाईवे परियोजनाओं के डीपीआर में हेलीपैड को लेकर भूमि चिन्हित करेगी। इसके साथ सुरक्षा-संबंधी कोर ग्रुप एवं सब कमेटी के गठन की सिफारिश की है, जिसमें विश्व के दिग्गज विशेषज्ञों को शामिल करने को कहा है।
सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है।

पिछले महीने ही पर्यटन संबंधी संसद के स्थाई समिति ने नेशनल हाईवे और रेलवे ट्रैक के किनारे हेलीपैड बनाने की मांग की जिसकी मदद से प्राकृतिक आपदा या रेल–सड़क दुर्घटनाओं से हुए घायलों को हेलीकॉप्टर की मदद से सही समय पर अस्पताल ले जाया जा सके।

समिति ने कहा कि रेलवे व हाईवे की परियोजनाओं में हेलीपैड के लिए भूमि निर्धारित होनी चाहिए। साथ ही सरकार को कोर ग्रुप और उसे सशक्त बनाने के लिए सड़क, रेलवे मंत्रालय में कमिटी गठन करने को कहा गया और सब कमिटियों के अध्यक्ष संयुक्त स्तर के अधिकारी होंगे। इसमें संबंधित क्षेत्र के विश्व स्तरीय विशषज्ञों को नियुक्त किया जाएगा। वहीं कोर ग्रुप सब कमेटी के कार्यों की समीक्षा और निगरानी करेगा।

बताया जा रहा है कि दिल्ली-कोलकाता, दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-जम्मू, दिल्ली-देहरादून, दिल्ली-भोपाल, लखनऊ-मुंबई, कोलकाता-चेन्नई, मुंबई-कोलकाता आदि प्रमुख रेलवे ट्रैक व नेशनल हाइवे के किनारे हेलीपैड बनाने की योजना है।

ब्लैक स्पॉट का पता लगाने की बात की गई

संसदीय समिति ने सभी कमिटी को हाईवे के ब्लैक स्पॉट का पता लगा कर उसे ठीक करने को कहा। सभी कमिटी में नेशनल हाइवे के प्रोजेक्ट डायरेक्टर-चीफ इंजीनियर को शामिल किया जाएगा। जिससे हाइवे पर ब्लैक स्पॉट के कारण होने वाले सड़क हादसों को रोका जा सके।

देश में 250 हेलीकॉप्टर

नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले महीने नई हेलीकॉप्टर नीति जारी की है जिसमें हाइवे किनारे हेलीपैड बनाकर घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाने की योजना भी शामिल है। देश में 250 हेलीकॉप्टर हैं, जबकि देश में प्रत्येक जिले में एक हेलीपैड से भी कम है।