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मां की एक सलाह ने बदल दी अनुज मालिक की जिंदगी, पहले प्रयास में बनीं IAS ऑफिसर

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दिल्ली के लाजपत की निवासी अनुज मलिक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली स्थित एयरफोर्स बाल भारती स्कूल विद्यालय से पूरी की है। उसके बाद उन्होंने अभियंता किया एवं इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक की डिग्री प्राप्त की। बीटेक के आखरी वर्ष के समय अनुज मलिक ने सिविल सर्विस में जाने का निर्माण लिया एवं वर्ष 2015 में अभियंता की पढ़ाई पूरी करने के बाद UPSC परिक्षा की प्रिपरेशन आरंभ की। उसके हेतु उन्होंने एक वर्ष तक घर पर रहकर ही तैयारी की।

अनुज मलिक कहती हैं, प्रिपरेशन के वक्त सब्जेक्ट का सिलेक्शन कड़ी चुनौती थी एवं जब उन्होंने साइकॉलोजी चुना तो कई लोगों ने आपत्ति जताया, इसलिए क्योंकि साइकॉलोजी विषय से सिलेक्शन कम होता है। यह बात जब मां को पता चला तो उन्होंने बोला कि पहली बार देने जा रही हो, फिर किस बात का डर। अगर तुम्हारी इच्छा मनोविज्ञान में है, तो विषय मत बदलो। मां की सुझाव के बाद अनुज मलिक ने साइकॉलोजी विषय ही चुना एवं कड़ी परिश्रम से प्रिपरेशन की। उसके बाद उन्होंने अपने पहले कोशिशों में सिविल सेवा एग्जाम 2016 में 16वीं रैंक प्राप्त की एवं IAS ऑफिसर बन गईं।

अनुज मलिक के माता-पिता भी गवर्नमेंट सर्विस में हैं। उनके पिता दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) में कार्य करते हैं एवं मां दिल्ली नगर निगम में तैनात हैं। अनुज के पति गौरव सिंह सोगरवाल भी IAS हैं एवं गोरखपुर में ही सदर तहसील के SDM के पद पर कार्यरत हैं। अनुज मलिक वर्तमान में उत्तर प्रदेश के खजनी में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और SDM हैं। वह हमेशा अपने कार्य को लेकर चर्चा में रहती हैं एवं पिछले वर्ष लॉकडाउन के समय उन्होंने मानवता की मिसाल पेश की थी। अनुज ने लॉकडाउन के समय स्वयं नंगे पांव चल रहे प्रवासी मजदूरों को चप्पल मुहैया कराई थी, उसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर प्रशंसा हुई थी।