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बिहार के लिए इस ट्रेन के परिचालन के पश्चात दिल्ली से पटना की दूरी 5 से 6 घंटे में होगी तय, जानें पूरी खबर।

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उत्सवों के समय यात्रियों की संख्या काफी बढ़ जाती है। दशहरा के साथ ही उत्सवों का सीजन शुरू हो जाता है जिसके समाप्त होते ही दीवाली और महापर्व कहा जाने वाला छठ पूजा की शुरुआत होगी। ऐसे में पुनः ट्रेनों में यात्रियों की संख्या बढ़ जाएगी। उत्सवों के समय में खासकर बिहार जाने वाले ट्रेनों में काफी संख्या में यात्री रहते हैं। साथ ही हजारों किमी की दूरी होने की वजह से यह सफर काफी लंबा हो जाता है। देश में वंदे भारत जैसी ट्रेन है जो इस सफर में लगने वाले समय को आधी कम कर सकती है। यह ट्रेन केवल 5 से 6 घंटे में पटना से दिल्ली की दूरी तय कर सकता है।

फिलहाल के लिए भारत में तीन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन हो रहा है। इस श्रेणी की पहली ट्रेन की शुरुआत नई दिल्ली-वाराणसी मार्ग पर, दूसरी ट्रेन नई दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी कटरा मार्ग पर और तीसरी ट्रेन का परिचालन गांधीनगर-मुंबई के बीच किया जा रहा है। वंदे भारत ट्रेन की स्पीड औसत 180 किमी प्रति घंटा है जो 200 किमी तक जा सकती है। यह ट्रेन गति के मामले में काफी आगे है। तीसरी नई वंदे भारत ट्रेन ने ट्रायल के दौरान सिर्फ 52 सेकंड में 100 km प्रतिघंटे की रफ्तार पकड़ ली थी और जापान के बुलेट ट्रेनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। बुलेट ट्रेन इस स्पीड को हासिल करने में 54.6 सेकेंड का समय लेती है।

बिहार के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन को लेकर सरकार की ओर से काफी तीव्रता से इसका निर्माण किया जा रहा है। इस ट्रेन के परिचालन के फलस्वरूप पटना से दिल्ली की दूरी आधी हो जाएगी क्योंकि पटना से दिल्ली की दूरी लगभग 1 हजार किमी है। वर्तमान में अधिकतर ट्रेनों को दिल्ली से पटना तक पहुंचने में 13–15 घंटे लगते हैं। परंतु वंदे भारत ट्रेन से इसकी दूरी को केवल 5-6 घंटे में तय किया जा सकता है।

भारतीय रेलवे की ओर से अगले वर्ष 15 अगस्त तक 75 नई वंदे भारत ट्रेन के निर्माण की योजना है जिसकी वजह से काफी तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक महीने 5–6 वंदे भारत ट्रेन के निर्माण का लक्ष्य है और इस प्रोजेक्ट की देखरेख रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा की जा रही है। वंदे भारत ट्रेन पूरी तरह से स्वदेशी है। यह एक सेमी हाई-स्पीड ट्रेन है जिसमें ऑटोमेटिक दरवाजे और एयर कंडीशन चेयर कार हैं। इसकी कुर्सियां 180 डिग्री तक रोटेट की जा सकती हैं।

खबर के अनुसार चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में अधिकतर वंदे भारत ट्रेन का निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त रायबरेली में एफ-कपूरथला और मॉडर्न कोच फैक्ट्री में अगले तीन वर्षों में 400 वंदे भारत के लक्ष्य हेतु इन कोचों के निर्माण की शुरुआत होगी। ट्रेन के निर्माण में स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया जा रहा है जिसका वजन 392 टन है। वंदे भारत ट्रेन में लगभग सभी आधुनिक सुविधाओं को उपलब्ध कराया जाएगा। इनमें वैक्यूम आधारित बायो टॉयलेट, ऑटोमैटिक स्लाइडिंग डोर, जीपीएस आधारित सूचना सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे के साथ कई सुविधाएं हैं।