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बार-बार की असफलता से निराश राघव ने कभी कर लिया था UPSC छोड़ने का फैसला, जाने फिर कैसे बनें वे टॉपर?

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राघव जैन ने वर्ष 2019 की UPSC एग्जाम में 127 रैंक के सहित टॉप किया। उन्होंने यह सफलता तीसरे प्रयास में प्राप्त की। पिछले प्रयासों की असफल होने से निराश राघव कैसे उबरे इन असफलताओं से, आइए बताते है।

UPSC एग्जाम के उतार-चढ़ाव तथा आनिर्ण्यात्मक से हर कोई ज्ञात है। यहां सक्सेस कब मिलेगी और मिलेगी भी की नहीं कुछ निश्चित होकर नहीं कहा जा सकता। इस फील्ड में आने वाले एस्पिरेंट्स ऐसी सिचुएशन के लिए प्रिपेयर तो रहते हैं परंतु जब कोई एक कोशिश में मेन्स तक पहुंचकर कामयाबी न मिले और दूसरे प्रयास में प्री भी पास न कर पाए तो उदास होना सहज है। कुछ इसी प्रकार ही हुआ राघव जैन के साथ । राघव वर्ष 2017 के अपने पहले अटेम्प्ट में प्री एग्जाम पास कर गए परंतु मेन्स में अटक गए और अगले वर्ष यानी 2018 में प्री में भी सफल नहीं हो पाए। इससे उन्हें बहुत मायूस हुए तथा उन्होंने भविष्य में परिक्षा न देने की प्लान बनाई। खैर परिवार एवम दोस्तों के सपोर्ट से राघव उठ खड़े हुए और फिर कुदरत का खेल देखिए कि जब वे एग्जाम नहीं देना चाहते थे उसी वर्ष उनका चयन होगया और 127 रैंक लाकर वे IPS सेवा के लिए चयनित हुए। दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में राघव ने बताया एग्जाम की प्रिपरेशन के भिन्न भिन्न पहलुओं पर बात की।

राघव के साथ सबसे अच्छी चीज़ यह हुई कि उन्होंने अगला प्रयास देने के हेतु खुद को मोटिवेट किया नही तो वे यहां तक कभी नहीं पहुंचते। और फिर उनके बैकग्राउंड की बात करें तो राघव लुधियाना के हैं तथा उन्होंने आपकी प्रारंभिक शिक्षा वही पूरी की। 12वी के बाद राघव ने बी.कॉम किया फिर उसके बाद एमबीए। PG करने के बाद उन्होंने UPSC एग्जाम देने की सोची एवम प्रिपरेशन के हेतु कोचिंग करने दिल्ली आ गए। यहां उन्होंने 6 महीने ही गुजारे तथा एग्जाम के सावभाओ से भली-भांति परीचित होने के बाद लुधियाना लौट गए और बाकी वर्ष वहीं रहकर प्रिपरेशन किया।

दूसरे एस्पिरेंट से अलग राघव मानते हैं कि UPSC का सिलेबस इतना ज्यादा है कि अगर इसे समाप्त करने बैठेंगे तो कभी प्रिपरेशन पूरी नहीं होगी। उन्होंने बताया हैं कि इस परीक्षा में पास होने के हेतु आपको स्मार्ट स्टडी करनी है। जो फील्ड में जरूरी हैं उन पर फोकस करना है और जो जरा भी टालने लायक हैं उन्हें छोड़ना है। इसके हेतु बेस्ट उपाय है कि आप पिछले वर्ष के प्रश्न-पत्र देखें तथा समझें की UPSC का एग्जाम पैटर्न कैसा होता है तथा वे किसी सब्जेक्ट से किस तरह के क्वेश्चन पूछते हैं। लास्ट ईयर पेपर्स को राघव प्रिपरेशन के हेतु बहुत जरूरी मानते हैं

राघव बताते हैं कि इस एग्जाम को पास करने के हेतु आपको जहराई तक नॉलेज चाहिए। सभी कहते हैं कि प्री की प्रिपरेशन करो तो मेन्स की खुद हो जाती है परंतु ऐसा नहीं है। प्री एग्जाम की सक्सेस बहुत हद तक एलिमिनेशन सीखने, गेस वर्क करने तथा कॉमन सेंस लगाने से जुड़ी होती है। और हालाकि मेन्स के हेतु किसी भी सब्जेक्ट को बहुत डिप नॉलेज होनी चाहिए। उसकी के लिए दोनों ही तरीके से अलग-अलग प्रिपरेशन करें। प्री के हेतु खूब टेस्ट दें ताकी एलिमिनेशन तरीके वगैरह सीख सकें क्योंकि प्री एग्जाम के ज्यादातर प्रश्न किसी को नहीं आते। यहां बहुत हद तक कॉमन सेंस लगाना होता है तथा ज्यादा से ज्यादा सवाल करने होते हैं। और अगर आप बहुत सवाल छोड़ेंगे तो भी पास नहीं होंगे। उसी के दिए गए विकल्पों में से अगर एक के हेतु भी श्योर हों तो वह सवाल को जरूर अटेम्प्ट करें।

राघव आगे बताते हैं कि NCERT के बाद स्टैंडर्ड बुक्स से प्रिपरेशन करें और जब कुछ हद तक सिलेबस कवर हो जाए तो आंसर राइटिंग प्रैक्टिस पर पूरा ध्यान लगा दे। वे बताते हैं कि मेन्स के नंबर प्रेजेंटेशन से जुड़े हैं। कौन अपने जवाब को कितना प्रभावी और अच्छे ढ़ंग से लिख सकता है उसी के तरह वह अंक पाता है। उसके लिए खूब प्रैक्टिस करें और उत्तरों को इनरिच करना सीखें।

ऐस्से तथा एथिक्स को आसानी में न लें और इन पर भी बराबर ध्यान रखे। ये पेपर आपकी रैंक बना भी सकती हैं और बिगाड़ भी सकती हैं। उनके खुद के कोशिश में दूसरे प्रयास में एथिक्स में बहुत ही कम अंक थे। इन पेपरों की जरूरी बात यह है कि हफ्ते का एक दिन भी अगर आप इन्हें दे रहें हैं, उसमें भी कुछ घंटे तो आप बहुत अच्छा अंक ला सकते हैं ।

आखरी में बस यही है कि इस एग्जाम में सफल होने के लिए धैर्य रखना बहुत महत्वपूर्ण है। हाडवर्क विद स्मार्टवर्क करिए, लगातार प्रयास कीजिए और पेशेंस रखिए, आप एक दिन जरूर सफल होंगे।