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पिता की बात मानकर नौकरी के साथ ही शुरू की थी तैयारी, आज IPS अधिकारी हैं लकी चौहान

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लकी आरंभ से ही IPS ऑफिसर बनना चाहती थीं और अपनी कड़ी परिश्रम के दम पर उन्होंने इस सपने को पूरा भी किया। UPSC को देश की सबसे कठिन एग्जाम में से एक माना जाता है। उसमे सफलता पाने के हेतु कड़ी मेहनत करनी पड़ती है परंतु जो लोग इसमें सफल होते हैं, वह लाखों युवाओं के हेतु प्रेरणा बन जाते हैं। IPS ऑफिसर लकी चौहान की कहानी भी लाखों युवाओं के हेतु प्रेरणा है। उन्होंने वर्ष 2012 में UPSC एग्जाम पास की थी और ऑल इंडिया 246वीं रैंक प्राप्त की थी।

लकी का जन्म यूपी के बुलंदशहर के खुर्जा गांव में हुआ था। उनके पिता रोहताश सिंह चौहान प्रॉपर्टी डीलिंग का कार्य करते हैं तथा उनकी माता सुमन लता चौहान एक टीचर हैं। लकी के पिता बताते हैं कि वह बचपन से ही पढ़ाई में अच्छी थीं। लकी के पिता ने उनसे बचपन में बताया था कि वह सिविल सेवा में जाएं तथा लकी ने उनकी इस बात को अपना सपना बना लिया। उसके बाद से जब भी कोई उनसे पूछता था कि उन्हें आगे चलकर क्या बनना है तो वह बताती थीं कि वह सिविल सेवा में जाएंगी।

लकी ने साइंस स्ट्रीम से 12वीं की एग्जाम पास की तथा उसके बाद ग्रेजुएशन में अंग्रेजी साहित्य एवम इतिहास सब्जेक्ट लिया। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद लकी ने असिस्टेंट वेलफेयर एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में कार्य करना आरंभ कर दिया। वह शुरुवात से ही IPS ऑफिसर बनना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने UPSC एग्जाम की प्रिपरेशन करने का निश्चय किया।

लकी सरकारी नौकरी करने के सहित ही UPSC की प्रिपरेशन करने लगीं तथा 3 वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने वर्ष 2012 में 246वीं रैंक प्राप्त की। ट्रेनिंग में उनके द्वारा किए गए परफॉरमेंस के आधार पर लकी को त्रिपुरा कैडर मिला। उसके बाद वह कई अहम भूमिकाओं में यहां रहीं। इस वक्त वह त्रिपुरा के गोमती जिले के उदयपुर में एसपी हैं।