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पिता करते हैं कपड़े इस्त्री, मां ने अपने गहने बेच पूरी कराई पढ़ाई, बेटा ऐसे बना डिप्टी SP
अगर आपको कामयाब होना है तो अपनी सारी दिल्लतो व समस्यायों को रौंद कर आगे बढ़ना होगा, तभी आप अपनी कामयाबी की कहानी लिख सकते हैं। आज हम आपको ऐसे ही एक आधिकारी की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, उन्होंने अपनी गरीबी व सारी दिक्कतों को पीछे छोड़कर कामयाबी का झंडा बुलंद किया। UPSC एग्जाम 2018 में 75 वीं रैंक प्राप्त कर डिप्टी SP बनने वाले सुनील कुमार बहुत ही गरीबी में पले बढ़े थे।
सुनील जब इंजीनियरिंग कर रहे थे, तब उनके पास फीस भरने के पैसे तक नहीं हुआ करते थे, तब उनकी मां ने अपने सारे गहने बेचकर उनकी शिक्षा पूरी करवाई। इंजीनियरिंग कोर्स पूरा करने के बाद सुनील ने UPSC सिविल सर्विस की प्रिपरेशन आरंभ कर दी। यहां उन्हें कामयाबी नहीं मिली, सुनील UPSC में तीन बार असफल हुए, उसके बाद उन्होंने UPSC की तरफ ध्यान देना आरंभ कर दिया एवं अपनी परिश्रम के दम पर कामयाबी हासिल की। जबकि यहां तक पहुंचने का उनका यह रास्ता बहुत कठिनाइयों भरा रहा।
UP के कौशांबी जिले के छोटे से गांव शेरगढ़ के निवासी सुनील कुमार के पिता सुख लाल घर चलाने के हेतु मुंबई में लोगों के कपड़े इस्त्री करते थे। सुनील के घर की फाइनेंशियल कंडीशन बेहद कमजोर थी। हाईस्कूल में जब सुनील के बहुत अच्छे अंक आए तो उन्होंने अपने पिता से इंटरमीडिएट इलाहाबाद से करने की रुचि जताई, परंतु उनके पिता ने पैसे ना होने की कारण से उसमे असमर्थता जताई। उसके बाद सुनील के पिता ने लोगों से साहयता मांगी, कुछ लोगों से मिली सहायता से उन्होंने इलाहाबाद से इंटरमीडिएट की। उसके बाद आगे की पढ़ाई के हेतु सुनील ने इंजीनियरिंग में एड्मिशन तो ले लिया, परंतु उसकी फीस देने के हेतु उनके पास पैसे तक नहीं थे, उसके बाद उनकी मां ने अपने सारे गहने बेच कर कॉलेज की फीस भरी।
इंजीनियरिंग कोर्स के बाद सुनील ने वर्ष 2015 में UPSC एग्जाम की प्रिपरेशन आरंभ कर दी। यहां वे अपने पहले ही अटेम्प्ट में मेन्स एग्जाम तक पहुंचे भी परंतु इंटरव्यू नहीं क्लियर कर पाए थे। जबकि उससे सुनील का हौसला बुलंद होगया और उन्होंने IAS ऑफिसर बनने का निर्णय कर लिया था। उसके बाद वे निरंतर दो वर्ष और प्रयास की, परंतु कामयाबी नहीं मिल पाई। घर की फाइनेंशियल कंडीशन सही नहीं थी, उसी के हेतु सुनील ने UPSC को क्रैक करने का सपना छोड़कर UPSC की प्रिपरेशन शुरू कर दी। यहां उन्हें पहले कोशिश में ही कामयाबी मिल गई। UPSC परिक्षा 2018 में उन्होंने 75वीं रैंक प्राप्त कर डिप्टी SP का पद प्राप्त कर लिया। इस प्रकार से उनका UPSC का सफर पूरा हुआ।
अपनी कामयाबी का मूलमंत्र बताते हुए सुनील ने एक इंटरव्यू में बताया कि UPSC जैसी टफ एग्जाम में अगर कामयाबी हासिल करनी है तो आपको नियमित रूप से निरंतर मेहनत परसिश्र करनी पड़ेगी। अगर आपके सामने कोई आर्थिक चुनौती नहीं है, तो आपको सपना साकार करने के बाद ही रुकना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस एग्जाम में सफलता प्राप्त करने के हेतु सही दिशा में मेहनत के साथ ही परिवार का सहयोग भी बेहद जरूरी होता है। जब तक आप अपने दिल और दिमाग से पूरे तरीके से मेहनत नहीं करेंगे, इस एग्जाम में कामयाब नहीं हो सकते।
सुनील की मंजिल यहीं पर समाप्त नहीं होती। सुनील अब अपनी जॉब के साथ एक बार फिर से UPSC की प्रिपरेशन कर रहे हैं। उनका लक्ष्य IAS ऑफिसर बनने का है। सुनील के छोटे दो भाई एवं एक बहन भी हैं। ये तीनों ही सिविल सर्विसेज की प्रिपरेशन कर रहे हैं। सुनील की कामयाबी से खुश उनके पिता को उम्मीद है कि उनका कोई बच्चा आवश्य UPSC परिक्षा को क्रैक कर IAS ऑफिसर बनेगा।