MOTIVATIONAL
दो बार प्रीलिम्स में मिली असफलता तो लगा नहीं होगा चयन, तीसरे अटेम्प्ट में ऐसे IAS बनीं गुंजन, जानें सक्सेस मंत्र
संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज एग्जाम को देश की सबसे प्रतिष्ठित एग्जामो में एक माना गया है। इस एग्जाम में हर वर्ष लाखों की संख्या में सम्मिलित होते हैं। कड़ी मेहनत एवम सच्ची परिश्रम के बिना इस एग्जाम को पास करना कठिन है। यही वजह है कि सिलेक्टेड कैंडिडेट अन्य के हेतु प्रेरणादायक बन जाते हैं, कुछ ऐसी ही स्टोरी है गुंजन द्विवेदी की भी है। दो बार निरंतर असफल होने के बाद तीसरे कोशिश में IAS टॉपर बनने वाली गुंजन द्विवेदी की स्टोरी बहुत प्रेरणादायक है। पहले तथा दूसरे प्रयास में प्रीलिम्स से बाहर हो जाने के बाद उन्हें लग रहा था कि उनका सिलेक्शन सिविल सर्विसेज की एक्जाम में नहीं हो पाएगा। परंतु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी एवम अपने लक्ष्य को पूरा करके दिखाया।
गुंजन द्विवेदी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के दौलत राम कॉलेज से साल 2014 में राजनीति शास्त्र से BA किया। ग्रेजुएशन पूरा करने के तुरंत बाद वे IAS की प्रिपरेशन में जुट गईं। वर्ष 2016 में गुंजन ने जब पहली बार UPSC की एक्जाम दी, तो उनका चयन प्रीलिम्स में भी नहीं हुआ। उसके बाद वो एग्जाम क्रैक करने के हेतु कई-कई घंटे पड़ने लगी। अगली बार जब उन्होंने फिर सिविल सर्विसेज की एग्जाम दी तो उनका सिलेक्शन फिर नहीं हुआ एवं प्रीलिम्स से बाहर हो गईं।
दो बार निरंतर प्रीलिम्स लेवल पर ही नाकामयाबी होने के बाद भी गुंजन ने हार नहीं मानीं। और फिर UPSC की प्रिप्रेशियो में कोई कमी नहीं आने दी। गुंजन निरंतर तीसरे वर्ष 2018 में UPSC एग्जाम दिया। अंततः उनकी मेहनत रंग ले ही आई। उन्होंने न सिर्फ बेहतरीन तरीके से प्री-एग्जाम क्लियर किया जबकि मेन परिक्षा और इंटरव्यू क्लियर कर मेरिट में भी स्थान बना ली। वर्ष 2019 में घोषित हुए परिणाम में वे ऑल इंडिया में 9वें रैंक पर आईं।
गुंजन के अनुसार सिविल सर्विसेज में सफलता के हेतु अधिक से अधिक मॉक टेस्ट देना बेहद आवश्यक है। उससे निरंतर अच्छा करने की प्रेरणा प्राप्त होती है और प्रैक्टिस भी होती है। उनका कहना है कि सिविल सर्विसेज की एक्जाम पास करने के हेतु आवश्यक नहीं कि आप 18-20 घंटे की पढ़ाई करें, पढ़ाई के 5-6 घंटे भी कम नहीं होते अगर आप पूरी कंसंट्रेशन से नियमित पर लगे रहते हैं।
गुंजन के अनुसार UPSC की सिविल सर्विसेज की प्रिप्रेशियो करने वाले कैंडिडेट को सबसे पहले कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक की NCERT की किताबों को पढ़ लेना चाहिए।इसलिए क्योंकि उससे बेसिक की समझ हो जाती है एवं जब हम आगे की सिलेबस की पढ़ाई करते हैं, तो चीजें आसानी के सहित समझ में आज जाती हैं।