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दो असफलताओं के बाद भी नहीं मानी हार, तीसरे प्रयास में 94वीं रैंक लाकर बनी आईएफएस
संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा को सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है। इस परीक्षा को पास करना अधिकतर छात्र का सपना होता है। कई युवाओं ने अपने पेशे और प्रोफेशनल करियर को छोड़कर सिविल सेवा की तैयारी कर सफल भी हुएं। हालांकि, इनका सफर इतना आसान नहीं होता है। इसकी तैयारी करने वाले छात्रों को पढ़ाई के प्रति और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होना पड़ता है। अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत, पॉजिटिव दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण हैं। ऐसा ही किया अनीशा तोमर ने जो अपनी दो प्रयास में असफल होने पर हार नहीं मानी और मेहनत करती रहीं।
अनीशा तोमर ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और सिविल सेवा की तैयारी की और टॉप 100 में अपनी जगह सुनिश्चित की। सैन्य परिवार से नाता रखने वाली तोमर ने पंजाब यूनिवर्सिटी के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी में बीटेक की पढ़ाई पूरी की है। फाइनल ईयर में उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देने का फैसला किया और अपने तीसरे प्रयास में 2019 में ऑल इंडिया 94वीं रैंक हासिल कीं। प्रशिक्षण के बाद भारतीय विदेश सेवा विभाग ज्वॉइन कर लिया।
अनीशा ने कहा कि यूपीएससी की परीक्षा मेरे लिए एक परीक्षा नहीं थी, यह जिंदगी में एक बड़े बदलाव का अनुभव था। तैयारी के दौरान उनके जिंदगी में काफी उतार चढ़ाव आए। इसकी शुरुआत 2016 में हुआ जिस दिन मैनें परीक्षा देने का फैसला कर लिया था। उन्होंने कहा कि जो छात्र इस परीक्षा के लिए दृढ़ होते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं वो जल्दी सफल हो जाते हैं।
पहले प्रयास के बाद उन्होंने एक और प्रयास करने की सोची। उसने एक टाइम टेबल बनाया और परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। 2018 में दूसरे प्रयास के दौरान वह प्री एग्जाम क्लीयर करके मेंस परीक्षा तक पहुंच गई। इस दौरान उनकी तबियत बिगड़–सी गई। अनीशा कहती हैं कि एक बार तो लगा कि अब तो सफलता मिल ही गई, लेकिन मुख्य परीक्षा के परिणाम में वे सफल नहीं हो पाई। वे मुख्य परीक्षा के कट ऑफ स्कोर से सिर्फ छह अंक पीछे रह गई थी।
दूसरी बार में प्री क्लीयर होने और मेन्स तक पहुंचने से आत्मविश्वास काफी बढ़ गया था। उन्होंने फिर 2019 तीसरा प्रयास करने का फैसला किया। प्री क्लीयर करने के बाद एक छोटा ब्रेक लेकर छुटि्टयां मनाईं और लौटकर फिर पूरे मन से मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुट गई। सकारात्मक सोच के साथ और हार नहीं मानते हुए दोबारा कड़ी मेहनत की। अनीशा ने अपनी रणनीति के अनुसार धैर्य से काम लेना जारी रखा और आखिरकार अपने तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया 94 रैंक हासिल की।
अनीशा कहती है कि अगर आप यूपीएससी में सफलता पाना चाहते हैं तो आपको लगातार धैर्य के साथ लंबे समय तक मेहनत करनी होगी। अनीशा के अनुसार हर विफलता से सीख लेनी चाहिए और गलतियों से सीखकर बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो पार्ट ज्यादा अहम है उसका अभ्यास ज्यादा करना चाहिए।