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दोस्तों द्वारा ‘टॉपर बनेंगी’ बोलकर मजाक उड़ाते थे, नंदनी ने यूपीएससी परीक्षा पास कर बनी टॉपर

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यूपीएससी परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है। फिर भी छात्रों में इस परीक्षा को लेकर एक अलग ही जुनून देखने को मिलता है क्योंकि आईएएस/आईपीएस एक प्रतिष्ठित पद माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने में छात्र अपने जीवन का कई वर्ष गुजार देते हैं और आईएएस ऑफिसर बनते हैं। नंदनी की कहानी भी लोगों को काफी प्रेरित करती है।

नंदिनी कर्नाटक राज्य के कोलार जिले की रहने वाली हैं। वे शुरू से ही पढ़ाई में अच्छी थी। उनके पिता एक शिक्षक हैं। उन्होंने 12वीं की परीक्षा में 94.83 अंक प्राप्त किए। नंदिनी ने बेंगलुरू के एमएस रमैय्या इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। जिसके बाद पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट में नंदिनी को नौकरी मिली। नंदिनी बचपन से ही आईएएस ऑफिसर बनना चाहती थी। उनका सोचना है कि आईएएस बनकर वे बेहतर तरीके से समाज और देश का विकास कर सकते हैं।

नंदिनी के दोस्त अक्सर उन्हें टॉपर बोलकर मजाक उड़ाया करते थे। आईआरएस मे 642वीं रैंक लाने के बाद नंदिनी ने आईआरएस की ट्रेनिंग करने लगी और साथ ही सिविल सर्विसेज की तैयारी करने लगी। साल 2016 के यूपीएससी के जारी परिणाम में नंदिनी ने ऑल इंडिया में शीर्ष स्थान हासिल किया। जब रिजल्ट के बारे में नंदिनी को पता चला तो उन्हें यकीन नहीं हो रहा था।