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झंझारपुर-लौकहा रेल खंड का काम अंतिम चरण में, जानिये कब तक शुरू होगा ट्रेनों का परिचालन

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झंझारपुर-लौकहा बड़ी रेल खंड को बनवाने कर कार्य कछुआ के रफ्तार से हो रहा है। अब तक इस रेल लाइन में स्टेशन व हाल्ट को बनवाने का कार्य पूरा नहीं किया गया है। अफसरों के मुताबिक इस रेललाइन के झंझारपुर से महरैल स्टेशन तक अगस्त तक रेल संचालन आरंभ होने का अनुमान है। झंझारपुर से महरैल की दूरी 7 किमी की है। उसमे अबतक 4 किमी में ही पटरी बिछाया गया है।

हालाकि झंझारपुर से लौकहा की डिस्टेंस 43 किमी की है। उसमे 64 छोटा पुल एवं 7 बड़ा पुल को बनवाने का कार्य करवाया जाना है। परंतु अभी तक 51 पुल को ही बनवाने का कार्य पूरा नहीं हो सका है। 3 पुल अभी भी बांकी है। वहीं 7 बड़ा पुल में से 4 पुल का बनवाने का कार्य करवाया गया है। उसके अलावे 5 स्टेशन व 3 हाल्ट का भी बनने है।

झंझारपुर लौकहा रेल लाइन में झंझारपुर बाजार हाल्ट, महरैल, चंदेश्वर हाल्ट, वाचस्पति नगर, बरहारा, खुटौना, लौकहा साथ ही 8 स्टेशन एवं हाल्ट हैं। इस रेल लाइन को बड़ी रेल खंड में तबदील करने का ऐलान 17 साल पूर्व कीया गया था। जिसको लेकर दो-दो बार शिलान्यास भी करवाया गया है।आमान बदलाव को लेकर मध्य पूर्व रेलवे ने 26 मई 2017 को ही मेगा ब्लाक करवाया गया था। झंझारपुर- निर्मली-लौकहा अमान बदलाव के कार्य के हेतु 622 करोड़ आवंटित है।

स्टेशन भवन साथ ही सारे जरूरी निर्माण कार्य अभी भी बाकी है और अधूरा पड़ा है। रेल पटरियां भी पूरा नहीं बिछाया गया है। लोगों की संभावना है कि अगर रेलवे प्रबंधन के कार्य की यही गति रही तो ट्रैक सुरु होने में कम से कम एक वर्ष और लग जाएगा। क्षेत्र के पाथ लोगो को कई जरूरी कार्यों के सहित कोर्ट कहचरी के कार्यों के हेतु झंझारपुर, दरभंगा एवं मधुबनी आना जाना पड़ता है। मेगा ब्लॉक होने के बाद उन लोगों पर सफर के खर्च का बोझ बढ़ गया है। रेल डिपार्टमेंट के इंजीनियर प्रमोद कुमार ने कहा है कि जल्द ही संचालन आरंभ होगा।

अरविंद कुमार झा ने कहा है कि बड़ी रेल खंड सर्विस के हेतु आंखें पथरा गई है। अमान बदलाव के काम के वजह से रोड में ट्रैफिक रहता है। नारायण झा ने बताया कि बड़ी रेल खंड से बड़े नगर जाने का विचार सपना बनकर रह गया है। ऐसा अबतक तक सही नहीं हो पाया है। जिस वजह से स्थानीय लोगों को कोई सहूलियत नहीं मिल रहा हैं। मनोज कुमार ने बताया है कि रेल सर्विस आरंभ होने से नेपाल आवागमन में सहूलियत हो जाती। परंतु रेल डिपार्टमेंट के ऑफिसर के उदासीनता के वजह से ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है।