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जानें उस IPS की सफलता की कहानी, जिसे CM योगी ने बताया था मुस्लिम लड़कियों का रोल मॉडल
ऐमन जमाल को साल 2019 में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस एग्जाम में 499 रैंक प्राप्त की थी। उसके बाद उन्हें भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में जाने का अवसर मिला। कहा जाता हैं की ‘पसीने की स्याही से जो लिखते हैं इरादें को, उसके मुक्कद्दर के सफ़ेद पन्ने कभी कोरे नही होते’। ये पंक्ति जैसा ही गोरखपुर की बेटी ऐमन जमाल ने कुछ ऐसे ही कर दिखाया हैं। ऐमन जमाल ने अपनी लगन वा परिश्रम के दमपर वो मुकाम प्राप्त किया, जहां हर किसी के पहुंचने का लक्ष्य होता है। जमाल आज प्रतिष्ठित भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में सेलेक्ट हो चुकी हैं। जबकि इससे पहले उनका सिलेक्शन बिहार लोक सेवा आयोग में राजस्व ऑफिसर के पद पर हुआ था। परंतु उन्होंने वहां, ज्वॉइनिंग नहीं की थी। क्योंकि उन्हें भारतीय पुलिस सेवा में जाना था।
जमाल की इस सक्सेस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सराहा था। उसके सहित ही वे जमाल के घर जाकर परिवार वालो से भी मिले थे। उसी दौरान योगी आदित्यनाथ ने जमाल को मुस्लिम लड़कियों के हेतु रोल मॉडल भी बताया था।
ऐमन जमाल का जन्म गोरखपुर जिले के खूनीपुर मोहल्ले में हुआ था। उन्होंने पहली से लेकर 12वीं तक की शिक्षा कार्मल गर्ल्स इंटर कॉलेज से प्राप्त की। जमाल को 10वीं में 63 फीसदी अंक, और 12वीं 69 प्रतिशत अंक मिले थे। उसके बाद उन्होंने सेंट एंड्रयूज कॉलेज से जंतु विज्ञान सब्जेक्ट से 2010 में ग्रेजुएशन परिक्षा में उत्तीर्ण की।
उसके बाद साल 2016 में अन्नामलाई यूनिवर्सिटी से डिस्टेंस से मानव संसाधन में डिप्लोमा भी किया। यहां से वो कंपीटीशन एग्जाम के लिए दिल्ली स्थित रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी जामिया हमदर्द में चली गईं। उसी समय साल 2017 में उनका सिलेक्शन केंद्रीय श्रम डिपार्टमेंट में हुआ । साल 2018 में वे ऑर्डिनेंस क्लोदिंग फैक्ट्री शाहजहांपुर में कार्यकर्ता श्रमायुक्त के पद पर नियुक्त हुईं। जमाल के पिता व्वेयपारी हैं और मां प्राइमरी स्कूल में टीचर हैं।
संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को सलाह
ऐमन जमाल की मानें तो UPSC की एग्जाम पास करने के हेतु शॉर्टकट की कोई तरीका नहीं है। प्रिपरेशन करने वाले कैंडिडेट को टाइम शेड्यूल बना कर पढ़ाई करनी चाहिए। वहीं, डिस्क्रीप्टिव क्यूशन के आंसर लिखने की प्रैक्टिस करनी चाहिए। इससे लिखने की कैपेटी भी बढ़ती हैं और भाषायी गलतियां भी कम होती हैं। उसके सहित ही किसी भी टॉपिक पर कॉन्सेप्ट क्लियर हो जाता है। उन्होंने बताया कि प्रिपरेशन करने के समय कैंडिडेट को अपनी खामियां और मजबूती का जरूर एनालिसिस करना चाहिए। ऐसा करने से हमारी प्रिपरेशन और बेहतर होती है और सक्सेस मिलने से हमें कोई नहीं रोक सकता है.l।