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जानिए चाय बेचने से लेकर यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस बनने तक का सफर की पूरी कहानी

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वर्तमान समय में युवाओं के अंदर यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा को लेकर एक अलग ही जुनून देखने को मिलता है। इसके लिए लाखों युवा सालों तक प्रतिदिन कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन इसके बाद भी कुछ ही सफल हो पाते है। इस परीक्षा की तैयारी के लिए आज भी लाखों युवा गांव से शहर आ जाते हैं क्योंकि वे सोचते हैं कि गांव में रहकर इस परीक्षा की तैयारी अच्छे से नहीं की जा सकती।

2020 की यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर आईएएस हिमांशु गुप्ता ने युवाओं के मन से इस बात को दूर किया। इस कठिन परीक्षा को हिमांशु ने गांव में रहकर बिना किसी कोचिंग की मदद से तीन बार इस परीक्षा में सफल हुए। उत्तराखंड के उधमसिंह जिले के सितारगंज के रहने वाले हिमांशु गुप्ता का बचपन बरेली जिले के एक छोटे से कस्बे सिरौली में बीता। अपने इंटरव्‍यू में हिमांशु ने कहा कि उनका बचपन आम बच्चों से काफी अलग था क्योंकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उन्होंने अपना बचपन बेहद गरीबी में काटा।

हिमांशु के पिता दिहाड़ी मजदूर का काम करते थे ताकि परिवार का गुजारा हो सके। बाद में उन्‍होंने चाय का ठेला लगाना शुरू किया और हिमांशु भी स्कूल के बाद इस काम में अपने पिता की मदद करते थे। बाद में पूरा परिवार बरेली जिले के सिरौली चला गया, जहां उनके पिता ने अपना जनरल स्टोर खोला। उनके पिता आज भी उसी दुकान को चलाते हैं।

बरेली आ जाने के बाद वहां आसपास कोई स्‍कूल नहीं था। हिमांशु बताते हैं कि निकटतम इंग्लिश मीडियम स्कूल 35 किमी दूर था जिसके लिए उन्‍हें हर दिन 70 किमी की यात्रा करनी पड़ती थी। हिमांशु पढ़ाई में पहले से ही काफी अच्छे थे। उन्होंने 12वीं के बाद दिल्ली के हिंदू कॉलेज में एडमिशन ले लिया। आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उन्‍होंने पढ़ाई के साथ ट्यूशन भी पढ़ाया करते थे। ग्रेजुएशन के बाद हिमांशु ने डीयू से पर्यावरण विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की और कॉलेज में टॉप किया।

अपने पढ़ाई पूरी करने के बाद हिमांशु वापस अपने घर लौट गए और वहीं पर रहकर सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने कड़ी मेहनत की और साल 2018 में पहली बार यूपीएससी एग्जाम दिया और पास हो गए और उनका चयन भारतीय रेलवे यातायात सेवा के लिए हुआ। जॉब करने के साथ ही हिमांशु ने अपनी तैयारी जारी रखी और 2019 में फिर से परीक्षा दी।

हिमांशु को अपने दूसरे प्रयास में भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुना गया। जिसके बाद अपने तीसरे प्रयास में वे भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चुने गए। हिमांशु ने इस दौरान कोई भी कोचिंग ज्वाइन नहीं किया। उन्‍होंने घर पर रहकर ही तैयारी की और लगातार 3 बार इस परीक्षा में सफल हुए।

इस परीक्षा की तैयारी के लिए हिमांशु ने सेल्फ स्टडी करना सही समझा। एक इंटरव्यू में हिमांशु ने कहा कि इस परीक्षा के लिए उन्होंने सबसे पहले एनसीईआरटी की किताबें पढ़ीं और फिर उसके बाद स्टैंडर्ड बुक से तैयारी की। साथ ही जब भी उन्हें जरूरत पड़ी उन्होंने इंटरनेट का इस्तेमाल किया और नोट्स निकाले। इंटरनेट से उन्हें परीक्षा तैयारी में काफी मदद मिली। हिमांशु ने कहा कि उन्‍होंने अखबार पढ़ना कभी नहीं छोड़ा, क्‍योंकि इससे उनको करंट अफेयर्स की पूरी जानकारी मिलती थी। वे मानते हैं कि हर किसी को तैयारी के दौरान प्रतिदिन अखबार या मैगजीन जरूर पढ़नी चाहिए।

इस परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को हिमांशु बताते है कि उन्हें एक बेहतर रणनीति के साथ आगे बढ़े। उनका कहना है कि जो लोग छोटे गांव या कस्बे में रहकर तैयारी करना चाहते हैं, वे इंटरनेट की मदद ले और इस परीक्षा में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करें। हिमांशु कहते हैं कि हर दिन अखबार पढ़ें, एनसीईआरटी की किताबें देखें, इंटरनेट पर जाकर नोट्स देखें और उसके अनुसार अपना टाइम टेबल बनाएं। हिमांशु के मुताबिक इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप यूपीएससी परीक्षा में जल्द ही सफल हो सकते हैं।