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जानिए अपने गांव की पहली आईएएस अफसर बनने वाली ममता यादव की सफलता की कहानी

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युवाओं में यूपीएससी एग्जाम को लेकर एक अलग ही जुनून देखने को मिलता है। शुक्रवार देर शाम में यूपीएससी का परिणाम जारी किया गया जिसमें कुल 761 का चयन किया गया। इनमें से 545 पुरुष और 216 महिला हैं। इस बार शुरुआत से 5वीं रैंक तक महिलाओं ने सफलता प्राप्त की। हम बात करेंगे दिल्ली के टॉपर जिनका नाम ममता यादव है।

ममता यादव 24वर्ष की हैं। ममता अपने शहर की पहली आईएएस ऑफिसर बन गई है। ममता ने यूपीएससी एग्जाम में 5वीं रैंक हासिल की। इससे पहले ममता ने 2020 में भी यूपीएससी एग्जाम दिया था लेकिन वे 556वीं रैंक हासिल किए थे। चयन होने के बाद ममता यादव भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा के लिए ट्रेंनिंग लेने चली गई। परंतु ममता सन्तुष्ट नहीं हुई। इसलिए उन्होंने फिर से कोशिश किया और सफलता प्राप्त की।

ममता यादव बसई गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता अशोक यादव एक प्राइवेट क्षेत्र में कार्य करते हैं। उनकी मां सरोज यादव एक गृहिणी है। ममता ने अपनी पढ़ाई दिल्ली में ही पूरी की। ममता दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में अपनी पढ़ाई पूरी की है।

ममता की मां ने कहा कि उन्हें यह आशा नहीं था कि उनकी बेटी इतना आगे जा पाएगी। उनके पिता अपनी बेटी की सफलता का श्रेय ममता के मां को ही देते हैं। उनके पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने यह सफलता प्राप्त कर हमें एक नया पहचान दिया है। ममता अपने गांव की पहली महिला आईएएस ऑफिसर बनी और अपने मां–पिता का नाम रौशन किया। पूरे परिवार के सदस्य और शहर वालों के लिए काफी खुशी की बात है।