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चार बार मिली निराशा के बाद अक्षत ने पाई सफलता, चुभ गई थी दोस्तों की बात; पढ़िए पूरी कहानी

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अक्षत को चार बार UPSC की एक्जाम में असफलता ही मिली। उसके बाद उनके दोस्तों द्वारा कहीं गई बातें उन्हें इतनी चुभी की अगले ही अटेम्प्ट में उनकी सफलता ने सबको चौका दिया। कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। जब तक किसी कार्य में सफलता न मिले निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे IPS ऑफिसर की जो हमें कभी हार न मानने की प्रेरणा देता है। हम बात कर रहे हैं IPS अक्षत कौशल की। वह UPSC एग्जाम में निरंतर चार बार असफल हुए। उसके बाद उन्होंने इस एग्जाम में आगे सम्मिलित न होने की सोची, परंतु दोस्‍तों द्वारा किए गए कुछ कमेंट्स ऐसे लगे की अपने अगले ही कोशिश में उन्होंने इस एग्जाम को क्लियर करके दिखा दिया।

अक्षत ने UPSC परिक्षा की तैयारी साल 2012 में आरंभ की थी। जिसके लिए उन्होंने एक कोचिंग में दाखिला भी करवा लिया, परंतु वे प्रथम वर्ष में UPSC की प्री एग्जाम क्‍लि‍यर नहीं कर सके। अक्षत ने हार नहीं मानी एवम निरंतर तीन साल तक UPSC का एक्जाम देते रहे, परंतु वह एग्जाम क्लियर नहीं कर सके। उसके बाद वे इतने निराश हो गए तथा उनके परिजन कोई भी अनहोनी के डर से उन्‍हें अकेले घर से बाहर तक नहीं निकलने देते थे।

उन्ही दिनों अक्षत की मुलाकात कुछ दोस्तों से हुई। दोस्तों द्वारा दिए गए कमेंट्स उन्हें इतना चुभे लगा की उन्होंने दोबारा से UPSC एग्जाम की प्रिपरेशन आरंभ की। उसके बाद वह परीक्षा में पांचवीं बार सम्मिलित हुए एवम इस बार उन्हें सफलता प्राप्त हुई और वह IPS ऑफिसर बने। अक्षत ने बताया कि एग्जाम देने से पूर्व उसके नेचर को समझने कि आवस्कता है। इस एग्जाम का प्री, मेन्स और इंटरव्यू का नेचर पूरी तरह से भिन्न होता है। इसे अवश्य मझकर इसके मुताबिक ही तैयारी करना लाभदायक है।

उनका मानना है कि किसी भी सब्जेक्ट ​विषय ​को लेकर ओवर कॉन्फिडेंट बिलकुल न होए। ​अक्षत द्वारा बताया कि गया वह हिंदी को लेकर बहुत ही कॉन्फिडेंडट थे, परंतु जब परीणाम आए तो वह हिंदी के कंपल्सरी पेपर में भी पास नहीं हो पाए। इसी के हेतु किसी भी विषय को लेकर अधिक उत्साहित न हों। अक्षत का मानना है कि जो लोग आपको जानते हैं उनकी सुझाव माननी चाहिए। इसलिए क्योंकि वे लोग हमारे बारे में हमसे बेहतर जानते हैं। उन्होंने बताया कि दूसरे अटेम्प्ट में सफल न होने के बाद उन्होंने जॉब आरंभ की। इस वक्त उनके एक दोस्त जो अक्षत के साथ ही UPSC की प्रिपरेशन कर रहे थे, उन्होंने बोला कि हम कामयाबी के बहुत करीब हैं। अब जॉब करके रिस्क नहीं ले सकते, परंतु उन्होंने अपने उस दोस्त की बात नहीं मानी। उसी वर्ष उनके दोस्त का सिलेक्शन UPSC हो गया और जॉब के वजह से अक्षत ठीक से प्रिपरेशन नहीं कर पाए।

अक्षत द्वारा बताया गया कि चौथे अटेम्प्ट में उन्होंने परिवार के दबाव में सर्विस प्रिफरेंस में IAS भर दिया था, परंतु वह IPS बनना चाहते थे। जिसका परिणाम यह हुआ की इंटरव्यू के लिए जाते वक्त उनके दिमाग में आया कि जब मैं खुद से ईमानदार नहीं हूं तो ईश्वर क्या मेरी सहायता करेंगे। इस बार साक्षात्कार तक पहुंचकर भी उनका सेक्शन नहीं हुआ। लास्ट अटेम्प्ट में 55वीं रैंक के हिसाब से IAS की पोस्‍ट मिलने के बाद भी अक्षत ने IPS को चुना।