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गांव की बेटी ने UPSC में हासिल किया 91वीं रैंक, कड़ी मेहनत से IFS बनने का सपना किया पूरा

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यूपीएससी की कठिन परीक्षा में छात्र अपने धैर्य का परिचय देते हुए इस एग्जाम में सफल होते हैं। ऐसी ही कहानी बीकानेर के छोटे से गांव नौरंगदेसर की प्रज्ञा जाट है जिन्होंने इस एग्जाम में ऑल इंडिया 91वीं रैंक हासिल की। उनका सपना एक आईएफएस ऑफिसर बनने का है। प्रज्ञा ने बताया कि उन्होंने 10वीं की पढ़ाई दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से पूरी की। उसके बाद उन्होंने 12वीं में अच्छे अंक हासिल कर सिविल सेवा एग्जाम के लिए ह्युमेनिटिज, इकोनोमिक्स और सोशियोलॉजी जैसे विषय का चयन किया।

बातचीत के दौरान प्रज्ञा ने कहा कि 10वीं और 12वीं में अच्छे अंक हासिल कर आप सिर्फ डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बन सकते हैं। बल्कि सिविल सर्विस के माध्यम से देश की सेवा भी कर सकते हैं। इस एग्जाम में सफल होने के लिए निरंतर मेहनत करते रहे। असफल होने पर अपनी गलतियों को सुधारे और कड़ी मेहनत कर सफलता हासिल करें।

प्रज्ञा बताई हैं कि उन्होंने भी अपने शुरुआती दो प्रयास में
असफलता का सामना किया। उन्होंने अपनी कमियों पर ध्यान दिया और तीसरी प्रयास में सफलता हासिल की। उन्होंने हर एक टॉपिक को गहराई से समझने का प्रयास किया। इसी वजह से उन्होंने देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षा में ऑल इंडिया 91वीं रैंक हासिल की।

प्रज्ञा की मां का नाम आशा चौधरी है जो एक कुशल गृहिणी है। प्रज्ञा को सिविल सर्विसेज एग्जाम में सफलता दिलाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। वहीं अपने पिता आर.सी. चौधरी द्वारा दिए गए निर्देश पर चलती रही और सफल भी हुई। उनके बड़े भाई प्रतीक फिलहाल मास्टर्स की डिग्री कर रहे हैं।

प्रज्ञा से नौरंगदेसर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरा गांव सबसे प्यारा है। मैं बहुत कम समय रही परंतु कोई भी त्यौहार हो, माता-पिता वहीं रहते हैं। हम हर छोटे बड़े आयोजन में गांव जाया करते हैं। वर्तमान में प्रज्ञा गुडगांव में है। उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली से पूरी की। उनके पिता रेलवे में नौकरी करते थे। इसी वजह से प्रज्ञा को कई शहरों में रहने का अवसर मिला। इस दौरान उन्होंने कुछ समय जोधपुर में भी व्यतीत किया।