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कभी स्कूल से निकाले जाने वाले आकाश बने आईपीएस ऑफिसर, जानें उनकी सफलता की कहानी

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संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में एक मानी जाती है। इस परीक्षा में हर वर्ष लाखों की संख्या में छात्र इस परीक्षा में शामिल होते हैं जिसकी वजह से परीक्षा में कंपटीशन बढ़ जाता है। बहुत से छात्रों को पहले प्रयास में सफलता नहीं मिलती है लेकिन कुछ छात्र ऐसे भी होते हैं, जो कड़ी मेहनत और लगन से पहले ही प्रयास में सफल हो जाते हैं। ऐसी ही कुछ कहानी है कानपुर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर और राजस्थान के बीकानेर के रहने वाले आकाश कुल्हरी की है। उन्होंने भी मेहनत और लगन से पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर ली।

अपनी सफलता को लेकर आकाश कुल्हरी ने कहा कि मैं शुरुआत में पढ़ाई में कमजोर था जिसकी वजह से कभी-कभी क्लास से बाहर निकाल दिया जाता था। वहीं, 10वीं का रिजल्ट खराब होने की वजह से मुझे स्कूल से ही निकाल दिया गया था। 10वीं के बाद उनका नामांकन केंद्रीय विद्यालय बीकानेर में हो गया। उन्होंने कहा कि मैंने यहां कड़ी मेहनत करके 12वीं की परीक्षा दी। इसी का परिमाण है कि मुझे 12वीं परीक्षा में 55 प्रतिशत प्राप्त हुए थे। इसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई दुग्गल कालेज बीकानेर से की। यहां से बीकॉम करने के बाद मैं जेएनयू से एमकॉम किया।

जेएनयू से एमकॉम की पढ़ाई के दौरान जब कुल्हरी ने साल 2006 में पहली बार सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी तो उनका चयन हो गया। उन्होंने बताया कि ग्रेजुएट होने से पहले उनका कोई लक्ष्य भी नहीं था, लेकिन इसके बाद उन्होंने लक्ष्य तय किया और इसके प्रति समर्पित होकर कड़ी मेहनत की और सफलता हासिल की। उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्हें पढ़ाई पर कम ध्यान और खेल पर ज्यादा ध्यान था।