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एक के बाद एक सरकारी नौकरी छोड़ प्रेमसुख बने आईपीएस ऑफिसर, जानिये इनकी सफलता की कहानी
साल 2015 की UPSC एग्जाम में ऑल इंडिया में 170 वी रैंक प्राप्त कर IAS बनने वाले प्रेमसुख डेलू राजस्थान के बीकानेर जिले के नोखा तहसील के गांव रासीसर निवासी हैं। उनका जन्म 3 अप्रैल वर्ष 1988 में हुआ था। प्रेमसुख दूसरे अटेम्प में IAS ऑफिसर बने थे। इससे पहले वह साल 2014 पहली बार UPSC की एग्जाम में सम्मिलित हुए थे परंतु उसमें असफल रहे।
प्रेमसुख उन्होंने अपने गांव रासीसर के सरकारी स्कूल से दसवीं तक की शिक्षा पूरी की। आगे की शिक्षा उन्होंने राजकीय डूंगर कॉलेज बीकानेर से प्राप्त की। उन्होंने इतिहास में एमए किया और गोल्ड मेडल भी हासिल किया। प्रेमसुख ने इतिहास में यूजीसी ने जेआरएफ की एग्जाम भी पास की.1
प्रेमसुख डेलू के पिता खेती-किसानी के सहित ही गाड़ी चलाकर लोगों का सामान भी एक जगह से दूसरे जगह पर लाने पहुंचने का कार्य करते थे। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे प्रेमसुख की स्टोरी उन युवाओं के हेतु प्रेरणादायक है, जो कंपटेटीव एग्जाम में सम्मिलित होते हैं। IAS बनने से पहले वह लगभग एक दर्जन नौकरियां भी कर चुके थे।बचपन से ही सरकारी अधिकारी बनने का लक्ष्य रखने वाले प्रेमसुख ने अपना सारा फोकस अपनी पढ़ाई में लगाए रखा। साल 2010 में ग्रेजुएशन समाप्त करने के बाद पहली बार प्रतियोगी एग्जाम में सम्मिलित हुए थे। उन्होंने पटवारी की भर्ती के हेतु एप्लीकेशन दिया था और उसमें सफल भी रहे।
प्रेमसुख डेलू ने राजस्थान ग्राम सेवक एग्जाम में दूसरी रैंक प्राप्त की। उसके बाद वह असिस्टेंट जेलर की एग्जाम देकर वह पूरे राजस्थान में पहले नंबर पर रहे। जेलर की पोस्ट पर होते हुए उनका चयन सब-इंस्पेक्टर पद पर भी हुआ था। इसी मध्य उन्होंने सिविल सर्विसेज एग्जाम देने का डिसीजन लिया। राजस्थान प्रशासनिक सेवा की एग्जाम देकर उनका सिलेक्शन तहसीलदार के पद पर हुआ। प्रेमसुख ने तहसीलदार का पद को एक्सेप्ट कर लिया। यहां से उन्होंने UPSC एग्जाम की प्रिपरेशन आरंभ कर दी। UPSC की एग्जाम में सफल हुए । उनको ऑल इंडिया में 170वां रैंक प्राप्त करने के सहित ही उन्हें गुजरात कैडर में IPS की पोस्ट मिली।