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आईएएस ऑफिसर के लिए 30 लाख रुपए की नौकरी का किया त्याग, पहले ही प्रयास में प्राप्त की सफलता

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देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित यूपीएससी की परीक्षा में प्रति वर्ष काफी छात्र भाग लेते हैं। इसके लिए छात्रों में एक अलग जुनून दिखता है जिसके लिए छात्र अपनी अच्छी खासी नौकरी का भी त्याग कर देते हैं। ऐसी ही कहानी शिवम चंद्र की है। इन्होंने आइआइटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की जिसके पश्चात उन्हें 30 लाख रूपए की नौकरी प्राप्त हुई। परंतु आईएएस ऑफिसर बनने की चाह में उन्होंने उस नौकरी का त्याग कर दिया। उन्होंने सेल्फ स्टडी कर प्रथम प्रयास में ही इस परीक्षा में सफलता हासिल की ओर ऑल इंडिया 453वां रैंक हासिल किया।

शिवम के पिता रमेश चंद्र कनौजिया एक वाणिज्य कर अधिकारी हैं। शिवम ने अपनी पढ़ाई के शुरुआती समय में ही आईएएस ऑफिसर बनने का फैसला किया। उन्होंने सेंट जोसेफ से अपनी पढ़ाई की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2015 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीटेक की पढ़ाई की और वर्ष 2019 में अपनी पढ़ाई खत्म की। पढ़ाई समाप्त करते ही उन्हें मुंबई के एलईके कंसल्टिंग में नौकरी की प्राप्ति हुई। परंतु वह एक आईएएस ऑफिसर बनना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने 2020 में उस नौकरी को छोड़ दिया और प्रयागराज आकर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।

शिवम में सिविल सर्विसेज एग्जाम के लिए समाजशास्त्र विषय का चयन किया। शिवम बताते हैं कि उन्होंने आईआईटी में मानविकी के विषय के रुप में समाजशास्त्र का चयन किया। इलेक्ट्रिकल का सिलेबस काफी बृहद होने की वजह से तैयारी के लिए समाजशास्त्र विषय का चयन किया। उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से सेल्फ स्टडी कर एग्जाम की तैयारी की और प्रथम प्रयास में ही सफलता हासिल की। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय अपने पिता रमेश चंद्र कनौजिया और मां संजू कनौजिया को दिया है। उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में सफल होने के लिए सबसे पूर्व सही विषय का चयन करें और लगातार मेहनत करते रहे।

शिवम बताते हैं कि आईआईटी में व्यक्तित्व विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है और इसी बात का लाभ उन्हें यूपीएससी के एग्जाम में हासिल हुआ। शिवम आईआईटी मेंलीडरशिप के सत्र में भाग लिया करते थे। इसी की वजह से शिवम ने यूपीएससी की कठिन परीक्षा में व्यक्तित्व विकास में 90 अंक हासिल किए जो काफी अधिक है।