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आईआरएस की नौकरी से अनुदिप हुए असंतुष्ट, कड़ी मेहनत कर पूरा किया आईएएस बनने का सपना

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आईआरएस ऑफिसर पद की नौकरी से असंतुष्ट ​​अनुदीप ने हार न मानते हुए लगातार प्रयास करते रहे। अपने इन्हीं प्रयासों के बदौलत न सिर्फ यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए बल्कि यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया।

यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त करना कई युवा छात्रों का सपना होता है। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत भी करनी पड़ती है। इस परीक्षा को लेकर युवाओं में अलग जुनून देखने को मिलता है। यूपीएससी की इस कठिन परीक्षा में तो काफी छात्र शामिल होते हैं जिनका एक मात्र लक्ष्य इस परीक्षा को पास करना होता है लेकिन बहुत कम ही छात्र इस परीक्षा में सफल हो पाते हैं।

ये जरूरी नहीं की इस परीक्षा में सफल हुए छात्र को उनकी पसंद का पद मिल सके। इसलिए काफी छात्र जो पद मिलता है उसमे संतुष्ट होकर सेवा प्रदान करते हैं। लेकिन एक ऐसा भी छात्र है जिनका नाम अनुदीप दुरीशेट्टी है, जिसने अपना धैर्य और आत्मविश्वास नहीं खोया और कड़ी मेहनत कर दो बार इस परीक्षा में सफलता हासिल की।

उन्होंने अपना इस सफर की शुरुआत साल 2011 में बिट्स पिलानी से की। वहां से उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की और उनको गूगल कंपनी में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। लेकिन अनुदीप का सपना आईएएस बनने का था। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने नौकरी करने के साथ ही सिविल सर्विसेज की तैयारी करना शुरू कर दिया।

तेलंगाना राज्य के निवासी अनुदीप ने साल 2012 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा दी लेकिन वे असफल रहे। अपनी कमी को दूर कर मेहनत कर उन्होंने साल 2013 में दूसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी। इस बार उन्होंने ऑल इंडिया 790वीं रैंक प्राप्त कर इंडियन रेवेन्यू सर्विस ऑफिसर बन गए। परंतु वे इस पद के लिए असंतुष्ट थे। वे आईएएस ऑफिसर बनना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने लगातार प्रयास किया और आईएएस के लिए साल 2014 और 2015 में परीक्षा दी लेकिन वे असफल रहे। लेकिन वे अपना धैर्य नहीं खोए और 2017 में एक और प्रयास किया। इस बार उन्होंने प्रथम रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की और आईएएस बनने का सपना पूरा किया।