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क्रिकेट के लिए बोर्ड एग्जाम छोड़ने वाले मिस्ट्री स्पिनर रवि बिश्नोई की कहानी जनिए और देखें फैमिली फ़ोटो।

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टीम इंडिया के युवा फिरकी गेंदबाज रवि बिश्नोई ने हाल के दिनों में अपनी शानदार गेंदबाजी से खास पहचान बनाई है। राजस्थान के जोधपुर के बिरमी जन्मे बिश्नोई की कहानी बेहद प्रेरक है। मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुकात रखने वाले बिश्नोई के पिताजी शिक्षक हैं और माँ एक गृहिणी हैं। बिश्नोई चार भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं।

बिश्नोई एक मध्यम तेज गेंदबाज हुआ करते थे, मगर उन्होंने अपने कोच शाहरुख पठान के कहने पर स्पिन गेंदबाजी शुरू की। बिश्नोई ने साल 2018 में 12वीं वर्ग की बोर्ड परीक्षा छोड़ने का निर्णय लिया, जब वे जयपुर में राजस्थान रॉयल्स कैंप के नेट्स पर कुछ दिग्गज क्रिकेटर्स को गेंदबाजी करने में बिजी थे। यह साफ तौर पर एक साहसिक फैसला था। किंतु, यह युवा खिलाड़ी के लिए कारगर सिद्ध हुआ।

बिश्नोई सफेद बॉल क्रिकेट में टीम इंडिया के लिए खेलते हैं। वह दाएं हाथ के फिरकी गेंदबाज हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में फरवरी 2022 में डेब्यू किया। वह आईपीएल में लखनऊ सुपर जायंट्स और डोमेस्टिक क्रिकेट में राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हैं।

रवि विश्नोई पहली दफा तब लाइमलाइट में आए तब उन्होंने अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप 2020 में टीम इंडिया के लिए खेला, 17 विकेट लेकर लीग में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी रहे।

बता दें कि विश्नोई ने अब तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 17 मुकाबले खेले हैं और 24 विकेट लिए हैं, जबकि टी-20 क्रिकेट में 42 मैचों में 49 विकेट लिए हैं। उन्होंने 23 आईपीएल मैचों में 24 विकेट लिए हैं। उनकी सबसे बड़ी विशेषता है विषम परिस्थितियों में विकेट चटकाना। यही कारण है कि आईपीएल की नई फ्रेंचाइजी लखनऊ ने उन्हें खरीदा है।