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पहले प्रयास में मिली असफलता से नही मानी हार, दूसरी प्रयास में UPSC क्रैक कर बनीं IAS, जानें स्मिता सभरवाल की कहानी।
देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी क्लियर करने में उम्मीदवारों के पसीने छूट जाते हैं। देश में सिविल सर्विस के प्रति युवाओं का बहुत क्रेज है। देश में हर साल लाखो अभ्यर्थी यूपीएससी यानी की संघ लोक सेवा आयोग के एग्जाम में शामिल होते हैं। जिसमें कई अभ्यर्थी सफल होते है तो कई को असफलता मिलती है, लेकिन इस परीक्षा को क्लियर करने वाले युवा की जिंदगी बदल जाती है।
आज बताने जा रहे हैं आईएएस अफसर स्मिता सभरवाल के बारे में। 19 जून 1977 को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में जन्मी आईएएस स्मिता के पिताजी रिटायर्ड सेना अधिकारी है। पिता के सैनिक में नौकरी होने के चलते वे विभिन्न शहरों से पढ़ी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्मिता सभरवाल बारहवीं में साइंस संकाय से टॉपर थीं, जो कि उनकी प्रतिभा को दर्शाता है। स्मिता सभरवाल यूपीएससी का पहला एग्जाम दिया तब वह असफल हो गई थी। लेकिन वह फेल होने के बाद भी पीछे मुड़कर नहीं देखी।
स्मिता सभरवाल ने दोगुनी मेहनत की और यूपीएससी के दूसरे अटेम्प्ट में अच्छे मार्क्स से पास हो गई। वह साल 2000 में पूरे देश में चौथी रैंक हासिल की थी। उनकी सफलता से उनके लिए घर के लोगों में खूब खुशी का माहौल और उत्साह था।