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सिक्सर किंग युवराज सिंह की कहानी, कैंसर के दौरान भी इन्होंने देश के लिए खेला क्रिकेट।
टीम इंडिया के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज युवराज सिंह भारत के सबसे सफल क्रिकेटरों में से एक है। युवराज सिंह का जन्म 12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में हुआ। कम उम्र से ही बल्ला थामने वाले युवराज ने साल 2000 में केन्या के विरुद्ध वनडे मैच में टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया। करियर के शुरुआती दिनों में कुछ खास प्रभाव नहीं दिखा सके, लेकिन अगले कुछ सालों में शानदार प्रदर्शन के दम पर टीम का प्रमुख हिस्सा बन गए।
युवराज सिंह ने आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2007 में शानदार बल्लेबाजी का जौहर दिखाया। युवराज के बल्ले से इस टूर्नामेंट में 148 रन निकले और 6 विकेट चटकाए, उन्होंने ग्रुप स्टेज के मुकाबले में इंग्लैंड के विरुद्ध मात्र 12 गेंदों में 50 रन बनाए थे।
युवराज सिंह ने आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2011 में टीम इंडिया की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने इस टूर्नामेंट में 362 रन बनाए थे और 15 विकेट चटकाए थे, वह 4 बार मैन ऑफ द मैच के अवार्ड से नवाजे गए। उनके बेहतरीन हरफनमौला प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का अवार्ड दिया गया।
युवराज का करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा। साल 2012 में उन्हें कैंसर बीमारी हो गई थी और इलाज के लिए उन्होंने मैदान से दूरी बना ली थी। युवराज सिंह ने टीम इंडिया के लिए 304 अंतरराष्ट्रीय मैच में 11,778 रन बनाए और 148 विकेट झटके। उन्होंने आईपीएल में अलग-अलग फ्रेंचाइजी की ओर से खेलते हुए खूब दौलत और शोहरत कमाया।
युवराज सिंह अपनी आक्रामक बल्लेबाजी शैली और बाएं हाथ की फिरकी गेंदबाजी के लिए जाने जाते थे। मैदान के बाहर भी युवराज करिश्माई व्यक्तित्व के धनी थे और उनके चाहने वाले उन्हें खूब पसंद करते हैं। साल 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद युवराज कमेंट्री करते हुए नजर आते हैं।