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IAS बनने के लिए छोड़ा ISRO की नौकरी, 15 बार मिला नौकरी करने का मौका, आखिरकार UPSC पास कर बनी अफसर, पढ़े पूरी खबर

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IAS Success story
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तृप्ति भट्ट, एक आईपीएस अधिकारी जो अल्मोड़ा में जन्मी थी, बचपन से ही बहुत पढ़ने-लिखने में माहिर थी। IPS बनने से पहले, उन्होंने ISRO में लगभग 15 अन्य पदों को छोड़ दिया। 2013 बैच की IPS तृप्ति ने अपनी पहली कोशिश में 165वीं रैंक हासिल की। हम सब के लिए प्रेरणा स्रोत है तृप्ति देहरादून, जो वर्तमान में एसपी इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी का पद पर है।

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में रहने वाली आईपीएस तृप्ति भट्ट सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्हें सिर्फ आईपीएस अधिकारी बनना पसंद था, इसलिए उन्होंने ISRO सहित कई बड़ी कंपनियों में काम करने से इनकार कर दिया। 2013 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में पहली बार 165 रैंक प्राप्त करके आईपीएस बन गई।

तृप्ति भट्ट बहुत छोटी उम्र से ही पढ़ने लिखने में बहुत होशियार थीं। अल्मोड़ा में ही तृप्ति का अध्ययन हुआ है। केंद्रीय विद्यालय की बारहवीं कक्षा में पढ़ रहे हैं। साथ ही, पंतनगर यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियर डिग्री प्राप्त करने के बाद एनटीपीसी में सहायक प्रबंधक के पद पर भी काम किया।

IPS तृप्ति भट्ट एक आम परिवार से हैं। उनके माता-पिता और चार भाई-बहनों परिवार में सबसे खुश हैं। उसने बताया कि वह नौवीं क्लास में थी जब वह तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम से अल्मोड़ा में मुलाकात की थी। इसके बाद से वे कुछ करने के लिए उत्सुक होंगे।

IPS तृप्ति भट्ट अल्मोड़ा के जोशी खोला मोहल्ले में रहती हैं। वह खुशमिजाज ऑफिसर हैं, लेकिन अपने काम को सबसे अधिक महत्व देती हैं।

2013 बैच में आईपीएस तृप्ति भट्ट ने 165 रैंक प्राप्त की। उन्हें फिर अपना घर का कार्डर मिला। उन्हें उत्तराखंड में आने के बाद एसपी देहरादून का पद मिला। उसके बाद वह एसपी चमोली, कमांडिंग एसडीआरएफ और फिर एसएसपी टिहरी गढ़वाल बन गया। वह वर्तमान में देहरादून एसपी इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी हैं।