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इंडियन टीम की दिग्गज गेंदबाज एस श्रीसंत की कहानी, जाने कैसे खत्म हो गया इस शानदार क्रिकेटर का कैरियर…

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टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज एस श्रीसंत फिक्सिंग के चलते हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। मैच फिक्सिंग के चलते 7 साल का प्रतिबंध झेल चुका यह तेज गेंदबाज खेल से दूर रहा। वर्ष 2013 में श्रीसंत के कैरियर पर मैच फिक्सिंग के गंभीर आरोप लगे थे। 7 साल बैन झेलने के बाद सितंबर 2020 से वापस उन्होंने क्रिकेट में कदम रखा। दो साल आईपीएल ऑक्शन में उन्हें किसी टीम ने नहीं खरीदा।

मार्च 2006 में एस श्रीसंत ने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था और उन्होंने 27 मुकाबले में 87 विकेट चटकाए और 281 रन बनाए। श्रीसंत ने 53 एकदिवसीय मैच में 75 विकेट चटकाए हैं। दस टी20 मैच में उनके नाम 7 विकेट दर्ज है। इस दौरान श्रीसंत पर साल 2013 में मैच फिक्सिंग के आरोप लगे।

साल 2013 में आईपीएल के वक्त मैच फिक्सिंग के आरोप में फंसे श्रीसंत 2013 में राजस्थान रॉयल्स के उन तीन प्लेयर्स में शामिल थे जिन्हें मैच फिक्सिंग में दोषी पाया गया था। श्रीसंत के साथ ही अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण को फिक्सिंग के दोष में कस्टडी में लिया गया था। श्रीसंत और अन्य दोनों खिलाड़ियों को इस मामले में ताउम्र प्रतिबंध की सजा सुनाई गई थी।

हालांकि, साल 2019 में उनके हमेशा के लिए बैन को घटाकर सात वर्ष कर दिया गया, जो सितंबर 2020 में खत्म हो गआ। अपने बैन के बाद, उन्होंने केरल क्रिकेट संघ के लिए साल 2021 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए 20 सदस्यीय टीम में नामित होने के बाद कमबैक किया। उन्हें 2021 और 2022 में इंडियन प्रीमियर लीग में बोली के लिए नामित किया गया, लेकिन दोनों बार अनसोल्ड रहे।

बता दें कि श्रीलंका के विरुद्ध 25 अक्टूबर 2006 में नागपुर एकदिवसीय मैच के साथ अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने वाले श्रीसंत एम एस धोनी के नेतृत्व में साल 2007 में पहला टी20 वर्ल्ड कप और 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया का हिस्सा थे। इस तेज गेंदबाज ने 2007 में मिस्बाह उल हक का कैच लपक का टीम इंडिया को टी20 वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान के विरुद्ध चैंपियन बनाया था।