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BRABU PG के बाद स्नातक में भी लागू होगा सीबीसीएस, सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई; पढ़े पूरी ख़बर

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BRABU में अब PG के बाद UG(स्नातक) कोर्स में भी सीबीसीएस लागू होगा। इस नई व्यवस्था में स्टूडेंट्स को अंक के बदले क्रेडिट दिए जाएंगे। ओवरऑल परीणाम भी इसी के माध्यम से जारी होगा। उसका दूसरा नाम विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली भी है। एक साल में दो एग्जाम होंगी। एक सेमेस्टर 6 माह का होगा। पढ़ाई से लेकर इंटरनल असेसमेंट एवं फिर परीक्षाएं होंगी। उसमे फील्ड वर्क, सेमिनार, प्रैक्टिकल ट्रेनिंग, असाइनमेंट, रिपोर्ट लेखन सहित अन्य चीजें सम्मिलित होंगी। 6 सेमेस्टर में टोटल मिलाकर 140 क्रेडिट होंगे।

उसमे UG की पढ़ाई पूरी करने के हेतु कम से कम 120 क्रेडिट लाने होंगे। स्टूडेंट्स को कोर्स कोर्स, इलेक्टिव कोर्स, डिसिप्लिन स्पेशिफिक इलेक्टिव कोर्स, प्रोजेक्ट, जेनरिक इलेक्टिव कोर्स एवं एबिलिटी इनहांसमेंट कोर्स की शिक्षा पूरी करनी होगी। अब तक ग्रैजुएशन कोर्स का संचालन वार्षिक तरीके में होता रहा है। च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू होने के बाद UG कोर्स में भी सेमेस्टर सिस्टम लागू हो जाएगा। नई व्यवस्था का फायदा ग्रैजुएशन के करीब 1.5 लाख से ज्यादा बच्चों को मिलेगा। शिक्षक केंद्रित प्रबंध से स्टूडेंट केंद्रित व्यवस्था होगी स्टूडेंट अपनी मनचाहे कोर्स का चयन करेंगे पढ़ाई के अलावा स्किल डेवलपमेंट के कोर्स करेंगे मैथ्स के साथ उर्दू एवं संस्कृत के सहित भौतिकी पढ़ सकेंगे। दूसरे विवि से डिस्टेंस में कोर्स कर पाएंगे।

बड़ा प्रश्न – अभी साल में एक एग्जाम नहीं हो रही तो सेमेस्टर सिस्टम में दो कैसे हो सकेंगी विवि में सीबीसीएस लागू करने में बड़ी परेशानी हैं। पहले से यहां PG में यह प्रबंध लागू है। इसके बावजूद सत्र नियमित नहीं है। यानी साल में सिर्फ एक बार एग्जाम होनी है तो तीन सत्रों की परीक्षाएं लंबित हैं। जब सेमेस्टर लागू हो जाएगा तो इतनी परीक्षाएं विवि कैसे ले पाएगा। डॉ. सतीश कुमार द्वारा बताया गया कि , PG में लागू व्यवस्था को ही विवि सही नहीं कर पाया है, ऐसे में जब UG में इसे आरंभ करना चुनौतीपूर्ण होगा।

सीबीसीएस लागू करने के हेतु विवि मानसिक रूप से तैयार है। प्रॉक्टर डॉ. अजीत कुमार द्वारा बताया गया कि, राजभवन की तरफ से आदेश का इंतजार किया जा रहा है। BRABU में उसी मध्यम से स्नातक में सीबीसीएस लागू होगा। उनके द्वारा बताया गया कि, अगर राजभवन इसी सत्र से लागू करने का आदेश देती है तो सत्र 2022-25 में होने वाले नामांकन से ही इसे लागू होगा। इसे लेकर राजभवन के निर्देश का अक्षरश: पालन होगा।

उनके द्वारा बताया गया कि कोरोना काल से पहले राजभवन ने सीबीसीएस लागू करने के हेतु भिन्न भिन्न विवि को अलग-अलग विषयों में पाठ्यक्रम बनवाने की जिम्मेदारी सौंपी थी, परंतु कोरोना संकट के वजह से प्रोसेस शिथिल पड़ गई। ऐसे में हर विवि में एक ही पाठ्यक्रम होगा या उसमे बदलाव होगा यह सबकुछ राजभवन के आदेश पर ही निर्भर है।

एडमिशन के हेतु मेरिट नहीं, बल्कि एंट्रेंस टेस्ट होगा, विवि से मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी सीबीसीएस वाली प्रबंध में विवि में स्नातक में उपलब्ध कुल सीट की तुलना में अगर ज्यादा स्टूडेंट्स एप्लीकेशन करते हैं तो ऐसी स्थिति में विवि की तरफ से एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन होगा। उसी आधार पर विवि की तरफ से मेरिट लिस्ट बनेगी एवं उपलब्ध सीटों पर एडमिशन होगा। यूजीसी एवं राजभवन की तरफ से विवि को उपलब्ध करवाए गए आर्डिनेंस में उसका जिक्र किया गया है।

कम से कम 90 दिन या 450 घंटे की पढ़ाई एक सेमेस्टर में अनिवार्य, एक्स्ट्रा कॅरिकुलर एक्टिविटीज भी होंगे स्नातक कोर्स ऑड एवं इवन सेमेस्टर के स्वरूप में होगा। उसमे फर्स्ट, थर्ड एवं फिफ्थ सेमेस्टर को ऑड और सेकंड, फोर्थ और सिक्स्थ सेमेस्टर को इवन सेमेस्टर के नाम से जाना जाएगा। ऑड सेमेस्टर की अवधि जुलाई से दिसंबर तक होगी। वहीं, इवन सेमेस्टर जनवरी से जून तक संचालित होगा। एक सेमेस्टर में कम से कम 90 दिन या 450 घंटे की पढ़ाई जरूरी होगी। बाकी बचे वक्त में एग्जाम, रिजल्ट से लेकर अन्य एक्स्ट्रा कॅरिकुलर एक्टिविटीज होंगी। ऑड सेमेस्टर की एग्जाम अक्टूबर या नवंबर में एवं इवन सेमेस्टर की एग्जाम अप्रैल या मई में होंगी।