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BPSC परीक्षा में 24 साल की भावना बनी टॉपर, बोलीं- मैंने कभी टाइम कैलकुलेट करके पढ़ाई नहीं की

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रांची की निवासी 24 वर्ष की भावना नंदा ने बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से नियोजित 31 वीं ज्यूडिशियर कॉन्पिटेटिव एग्जाम में टॉप किया है। इस कॉम्पिटेटिव एग्जाम में पास करने वाले कैंडिडेट जिला कोर्ट में ज्यूडिशियर मजिस्ट्रेट कम सिविल जज बनेंगे।भावना नंदा द्वारा बताया गया कि 10वीं की पढ़ाई उन्होंने सेंट माइकल स्कूल रांची से की है। उसके उपरान्त 12वीं दिल्ली पब्लिक स्कूल रांची से। BALLB 2019 में ALU से कम्पलीट किया है। उन्होंने LLM , NLU दिल्ली से 2020 में किया।

जब उन्होंने लॉ ज्वाइन किया तब से देखा कि ज्यूडिशियरी कितना बड़ा रोल प्ले करती है। उन्हे लगा कि उसका पार्ट बनकर वे लॉ की सिस्टम को देख सकती है तथा लोगों के हेतु कुछ कर सकती है ज्यूडिशियरी के मध्यम से। उन्हे लॉ ही करने की इच्छा थी। उन्हे पिता जी उन्हे हमेशा इसके हेतु मोटिवेट करते रहते थे। वे कहते थे कि सुप्रीम कोर्ट के जज कितना बेहतर कर रही हैं तो वह सब उन्हे प्रेरणा देता था। उन्होंने तय कर लिया था कि 10 के उपरांत ही लॉ करेंगी।

उनके पिता पापा झारखंड गवर्नमेंट में ऑडिट ऑफिसर हैं। उनका नाम है नवल किशोर नंदा। उनकी माता श्री सिमलिया रांची में गवर्नमेंट टीचर है। तथा उन्होंने अपनी कोचिंग की पढ़ाई है राहुल आईएएस IAS दिल्ली से की है। उन्होंने तो ले कोचिंग लिया। परंतु बहुत सारे स्टूडेंट्स को उसकी आवश्कता नहीं भी पड़ती है। यह आपकी पर्सनल च्वाइस है। उन्होंने जब तैयारी शुरू किया उस वक्त कोविड था, तब उनके पास वक्त था। उन्होंने ऑन लाइन कोचिंग उसके हेतु ज्वाइन किया कि उन्होंने बेहतर तरीके प्रिपरेशन किया।

उन्होंने बताया कि GK एंड GS महत्वपूर्ण है बिहार के हेतु जो भी उन्होंने पढ़ा उसे बार-बार रिवाइज किया। मेंस में 150 मार्क्स GK ka होता है उसको लिखना पड़ता है। उसको लगातार रिवाइज करना जरूरी है। करेंट अफेयर्स निरंतर पढ़ते रहने की आवश्कता होती है। न्यूज पेपर्स पढ़ते रहें।उससे जुड़े नोट्स बनाकर पढ़ने से सरलता होती है। जो लीगल डेवलपमेंट प्रतिदिन होते रहते हैं इस पे फॉक्स रखना पड़ता है। हालाकि आप आपने जवाब में उसे जोड़ सकें। इंटरव्यू में तो यह बेहद आवाश्यक होता है। रिजल्ट जल्दी आनी चाहिए परंतु BPSC भी बहुत सारी एग्जाम लेती हैं। कोरोना के कारण से उनकी परीक्षा 2 बार पॉस्पांड हुई। सीट भी अधिक थे। उसी के हेतु अधिक समय लग गया होगा। उनका फोकस पढ़ाई पर रहा।