BIHAR
500 से शुरुवात की खेती, अब कमा रहीं 8 लाख: सर्वश्रेष्ठ मशरूम किसान पुरस्कार भी जीता, जाने पूरी जानकारी
यह स्टोरी है बेनीपुर प्रखंड के मकरमपुर की इंटर पास महिला प्रतिभा झा की है। अपने बीएओ पिता से प्रोत्साहन लेकर शुरू मशरूम की खेती तथा उनका व्यवसाय 15 मार्च 2012 में 500 रुपए से आरंभ किया एवम आज अपनी परिश्राम के बल पर उनका व्यवसाय बढ़कर सालाना 8 लाख तक का हाे गया है। इस फील्ड में बेहतर कार्य के हेतु उन्हें 2017 में मशरूम दिवस के अवसर पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि, पूसा में बाबू जगजीवन राम पुरस्कार और बिहार के स्थापना दिवस प्रोग्राम 2018 में राज्य स्तरीय ‘सर्वश्रेष्ठ मशरूम किसान पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया जा चुका है।
प्रतिभा द्वारा बताया गया कि उन्होंने शुरुआत में आत्मा दरभंगा के माध्यम से समस्तीपुर के कृषि विवि में 3 दिनों की मशरूम की ट्रेनिंग ली। बाद में उन्हें आत्माविश्वास से भिन्न भिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों तथा किसान मेलों में जाने का मोका मिला, उससे उन्हें जानकारी के सहित ही उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा। आज वह 3 किस्म के मशरूम की खेती कर रही हैं, उसमे ऑयस्टर, बटन एवम मिल्की मशरूम सम्मिलित हैं।
1000 बैग में 10 किलो मशरूम का हाेता उत्पादन- प्रतिभा बताती हैं कि एक बैच में मशरूम के करीब 1000 बैग तैयार होता है। उससे उन्हें हर दिन 10 किलो मशरूम प्हासिल हाेता है। वह 100 से 150 रुपए प्रति किलो के हिसाब से इसे बाजार में बेचती हैं और मशरूम के स्पॉन मतलब बीज का उत्पादन भी करती हैं, उसे वह किसानों को बेचती हैं।