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हाथ से चिट्ठी लिखकर रतन टाटा के असिस्टेंट बने, निवेश और बिज़नेस टिप्स भी देते हैं

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रत्न टाटा एक ऐसा नाम है जो किसी परिचय देने की जरूरत नहीं है। एक ऐसा बिज़नेसमैन जो लाखों लोगों का Icon तथा प्रेरणास्त्रोत है। हर शख़्स रतन टाटा का व्यक्तित्व, हाव-भाव, आदतें अट्रैक्ट करती हैं तथा उनकी बातों से हम कुछ न कुछ ज़रूर पाते हैं। रतन टाटा ने न केवल टाटा कंपनी को आगे पहुंचाया बल्कि आवस्कतापूर्ण की सहायता करने में भी कभी अपने हाथ पीछे नहीं किए। रतन टाटा यूं तो बहुत अमीर खानदान से हैं परंतु उनका जीवन उतना ही समान्य है जितना की एक साधारण व्यक्ति होता हैं।

बीते 28 दिसंबर को रतन टाटा ने उन्होंने 84वां जन्मदिन मनाया। Tata Son’s के Chairman Emeirtus ने केवल एक मोमबत्ती तथा एक कप केक के सहित बहुत सादगी से अपना जन्मदिन मनाया। रतन टाटा के हेतु कप केक और मोमबत्ती एक वेयक्ति लेकर पहुंचे थे। रतन टाटा के जन्मदिन का वीडियो तेज़ी से वायरल हो गया। इस वीडियो में एक युवा उन्हें केक काटा तथा खिलाया और उनके कंधे पर हाथ रखता दिखाई दिए।

रतन टाटा के पास नज़र आने वाले युवक का नाम शांतनु नायडू है। कम आयु में ही नायडू वहां पहुंचे हैं जो बिज़नेस की फील्ड से ताल्लुक रखने वाले लोगों का लक्ष्य है। मीडिया रिपोर्ट्स की बोले तो शांतनु, रतन टाटा को बिज़नेस तथा इन्वेस्टमेंट टिप्स भी देते हैं। पुणे, महाराष्ट्र में 1993 में शांतनु का जन्म हुआ। वो एक भारतीय बिज़नेसमैन, इंजीनियर, जूनियर असिस्टेंट, सोशल मीडिया इंफ़्लुएंसर, लेखक तथा एंटरप्रेन्योर हैं। शांतनु टाटा ट्रस्ट में डिप्टी जनरल मैनेजर हैं। शांतनु कॉर्नेल विश्वविद्यालय से एमबीए किया है तथा टाटा में कार्य करने वाले वो अपने परिवार की 5वीं पीढ़ी हैं।

शांतनु के LinkedIn प्रोफ़ाइल के मुताबिक , वे सितंबर 2014 से टाटा ट्रस्ट के सहित कार्य कर रहे हैं। नायडू ने Tata Elxsi में बतौर Design Engineer कार्य भी किया है। Humans of Bombay से बात-चीत में शांतनु द्वारा बताया गया कि ग्रैजुएशन पूरा करने के बाद साल 2014 से वो टाटा ग्रुप के सहित कार्य करने लगे। एक शाम से लौटते हुए उन्हें एक कुत्ते का मृत साव सड़क के मध्य पड़ा मिला। एक स्ट्रे डॉग को उस समय में देखकर शांतनु को बहुत तकलीफ़ हुई। उन्हें कुत्तों से लगावो है और उन्हें पहले भी उन्होंने डॉग्स को रेस्क्यू किया था । शांतनु सड़क किनारे खड़े कुत्ते के साव को रोड किनारे लाने की सोच रहे थे तथा तभी उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें कुछ करना होगा।

शांतनु ने बताया कि वे, उन्हे पता था कि उन्हें कुछ करना है। मैंने अपने कुछ दोस्तों को फ़ोन किया एवम रिफ़्लेक्टर्स लगा हुआ कॉलर डिज़ाइन किया। अगले दिन उहोंने कई स्ट्रे डॉग्स को कॉलर पहनाए तथा ये करके बहुत ज़्यादा अच्छा एहसास किया.’

शांतनु के नेक कार्य के चर्च हर तरीके से चलने लगे तथा टाटा ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ के न्यूज़लेटर में भी इसके बारे में छपा। लोग शांतनु के कॉलर को लेना चाहते थे परंतु उनके पास फ़ंडिंग नहीं थी। इस सबके बावजूद शांतनु के पिता ने उन्हें रतन टाटा को ख़त लिखने की हिदायत दी।

शांतनु द्वारा बताया गया की , ‘ वह चिट्ठी लिखने में हिचकिचा रहे थे फिर उन्होंने सोचा, क्यों नहीं? उहोंने उन्हें हाथ से लिखकर एक चिट्ठी भेजी तथा वह इस सबके बारे मे भूल गया था.’। शांतनु के चिट्ठी भेजने के करीब 2 माह बाद उनकी क़िस्मत बदल गई। उन्हें रतन टाटा जरिए साइन किया हुआ एक लेटर मिला। उस लेटर में लिखा था कि उनके कार्य से रतन टाटा बहुत ख़ुश हुए हैं तथा उनसे मिलना चाहते हैं। उसके कुछ दिन बाद शांतनु, मुंबई में रतना टाटा से मिले।

वर्ष 2016 में शांतनु नायडु एमबीए के हेतुकॉर्नेल यूनिवर्सिटी गए। MBA डिग्री प्राप्त करने के बाद वे 2018 में लौटे तथा टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन ऑफ़िस में डिप्टी जनरल मैनेजर जॉब किया। रतन टाटा भी शांतनु की नेकदिली तथा क्रिएटिव विचारो के फ़ैन हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स ने ये बोला गया है कि रतन टाटा शांतनु से बिज़नेस तथा निवेश को लेकर हितायद लेते हैं। अपने कार्य से शांतनु नायडू ने रतन टाटा का दिल जीत लिया है।

शांतनु नायडू अपने इंस्टाग्राम अकाउंट , ‘On Your Sparks’ के मध्यम देशभर के ऐसे स्टूडेंट्स को मोटिवेट करते हैं जो एंटरप्रेन्योरशिप के एरिया में आने के बारे में सोचकर ही हाइकिचा जात हेैं। कोविड-19 लॉकडाउन के समय शांतनु ने ऑनलाइन बात-चीत- ‘On Your Sparks’ की आरंभ की। हर रविवार को वे इंस्टाग्राम अकाउंट पर लाइव आते हैं तथा हर ज्वाइन होने वाले लोग से 500 चार्ज करते हैं एवम ये फ़ंड स्ट्रे डॉग्स की सहायता करने के हेतु Motopaws को जाता है। आज Motopaws 20 नगर और 4 देशों में फैल हुआ है। शांतनु ने रतन टाटा के सहित अपने ज़िन्दगी के यात्रा पर बुक भी लिखी है, ‘I came upon a lighthouse’. शांतनु ने बेहद कम आयु में अपने क्रिएटिव विचारो से और नेकदिली से देश के सबसे बड़े आयकन को खुश कर दिया है।