BIHAR
हाट-बाजार एवं पर्यटन स्थलों तक जाने वाली 1660 पथ का जल्द होगा निर्माण, ग्रामीण विभाग ने तैयार की कार्ययोजना
राज्य के हाट-बाजार व पर्यटन स्थलों तक आवागमन के हेतु प्राथमिकता के आधार पर पाथ का निर्माण किया जाएगा। ये मौजूदा पाथ के अलावा होंगी। ग्रामीण कार्य डिपार्टमेंट द्वारा उसकी कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। डिपार्टमेंट ने ऐसी 1660 पथ को चिह्नित कर लिया है। इस प्लान के अंतर्गत राज्य में 12 हजार किमी से ज्यादा सड़कों का निर्माण करवाया जाएगा ।
आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट दो के अंतर्गत अतिरिक्त सुलभ संपर्कता योजना के अंतर्गत इन सड़कों का निर्माण होगा। उसके तहत प्रखंड या जिलों में दूरदराज पंचायतों, बड़े गांवों को साथ में आपस में जोड़ते हुए अतिरिक्त सड़कों का निर्माण करवाया जाएगा। विशेष कर प्रशासनिक इकाई यानि अंचल, प्रखंड व थाना जाने के हेतु सड़के बनवाए जाएंगे । सहित ही बाजार, स्वास्थ्य यानी अस्पताल, शैक्षणिक, पर्यटन, यातायात, बैंक, फ्यूल स्टेशन, छोटे उद्योग, बाढ़ आश्रय स्थल को पक्की सड़क से कनेक्ट किया जाएगा। सड़कों का चयन करने से पहले विधानमंडल के मेंबर से राय ली गई है।
उसके अलावा विभागीय स्तर पर प्रखंडवार पथ का चयन किया गया है। लोगों की सुविधा के हेतु जियो-टैग कर प्राथमिकता इलाको में तय किया गया है। उसके आधार पर रोड की ग्रेडिंग की गई है एवं राज्य स्तर पर उसका नेटवर्क तैयार किया गया है। राज्य भर में ऐसी 1660 पथ का चयन किया गया है, उसकी लंबाई 12 हजार 555 किमी है। विभागीय लेवल पर बनी समेकित सूची को प्राथमिकता सूची के मुताबिक रैंकिंग कर दी गई है।
इसी रैंकिंग के आधार पर पाथ का निर्माण करवाया जाएगा। इन सड़कों को बनवाने में पर्यावरण का विशेष ख्याल रखा जाएगा। सड़कों के निर्माण या मरम्मत के दौरान पाथ के किनारे पेड़-पौधे लगवाए जाएंगे। इस योजना पर कार्य आरंभ करने के हेतु जल्द ही कैबिनेट को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इस प्लान पर कार्य करने के हेतु 200 करोड़ का आवंटन कर दिया गया है। सारे जिले को आवश्यकता के अनुसार राशि दी जाएगी।
सड़कों की निगरानी मानवरहित होगी। मुख्यालय के लेवल पर सॉफ्टवेयर आधारित अनुरक्षण अनुश्रवण कोषांग का गठन करवाया जाएगा। प्रायोगिक स्वरूप से इसे वैशाली जिले से आरंभ करवाया जाएगा। इस कार्य में IIT इंदौर की मदद ली जा रही है। इस प्रणाली में मॉडर्न तकनीक के इस्तेमाल से 1000 किमी अनुरक्षणाधीन पथों में मोटर वाहन पर लगे थ्री डी इमेजिंग कैमरा ने सर्वे कर सड़कों में पाई गई त्रुटियों को चिह्नित कर मरम्मत व अनुरक्षण करवाया जाएगा।
ग्रामीण कार्य डिपार्टमेंट के मंत्री जयंत राज ने बताया, ‘ग्रामीण क्षेत्रों की आधारभूत संरचना के विकास के हेतु उन्नत कोटि की बारहमासी पाथ का निर्माण करवाया जाएगा। उसके हेतु राज्य के सारे अनजुड़े बसावटों को संपर्कता प्रदान करने के हेतु पाथ का निर्माण करवाया जाएगा।’