Connect with us

TECH

हर 5 किमी पर खोली जाएगी बैटरी स्वैपिंग सेंटर, 35 रुपए में चार्ज कर 70 किमी तक चलेगी इलेक्ट्रिक वाहन

Published

on

WhatsApp

बैट्री स्वैपिंग नीति को लेकर सरकार ने काम शुरू कर दिया है और अगले दो से तीन महीने के अंदर इसकी घोषणा भी कर दी जाएगी। फिलहाल यह नीति इलेक्ट्रिक स्कूटर, मोटरसाइकिल और इलेक्ट्रिक से चलने वाले ऑटो के लिए तैयार की जा रही है। भारी उद्योग मंत्रालय और बिजली मंत्रालय बैट्री स्वैपिंग नीति को बनाने का काम शुरू कर चुके हैं। नीति आयोग से भी इस काम में मदद ली जा रही है। वैसे भारत में बाउंस इंफिनिटी इलेक्ट्रिक स्कूटर के लिए बैट्री स्वैपिंग का काम बंगलुरु में शुरू कर दिया गया है और 10 लाख बैट्री स्वैपिंग का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है।

देश की हीरो मोटोकॉर्प कंपनी भी बैट्री स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए ताइवान की कंपनी गोगोरो के साथ समझौता कर चुकी है। एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट में बैट्री स्वैपिंग नीति की घोषणा की गई। भारी उद्योग मंत्रालय के अनुसार बैट्री स्वैपिंग नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को इंसेंटिव देने पर विचार किया जा रहा है जिससे वे बैट्री स्वैपिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बना सके।

इससे बैट्री से चलने वाले वाहनों की कीमत भी कम हो जाएगी और इसका चलन बढ़ेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत में 40-50 प्रतिशत हिस्सेदारी बैट्री की होती है। बैट्री स्वैपिंग कारोबार के विकसित होने पर काम कीमत देकर किराए पर बैट्री लेकर इलेक्ट्रिक वाहन चला सकेगा। अभी इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी अपने ग्राहकों को चार्जिंग प्लग भी दे रही है। लेकिन देश के कई ऐसे शहर है जहां चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध नहीं हो सकते हैं। ऐसे में बैट्री स्वैपिंग काफी मददगार होगी।

खबर के मुताबिक सभी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी अपने स्वैपिंग सेंटर लगाएंगे या फिर सिर्फ बैट्री स्वैपिंग का काम करने वाली कंपनियां निर्माता कंपनियों के लिए बैट्री स्वैपिंग सेंटर विकसित कर सकती है। बैटरी स्वैपिंग मशीन के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं है। बैट्री स्वैपिंग के दौरान चार्जड बैट्री को निकाल कर उसमें डिस्चार्ज बैट्री लगा दी जाती है। बंगलुरू में बैट्री स्वैपिंग का काम की रही है।

कंपनी बाउंस इंफिनिटी के प्रवक्ता ने बताया कि वे एक बैट्री के स्वैपिंग पर 35 रुपए का शुल्क लेते हैं जो 60-70 किमी तक चलती है।