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BIHAR

स्मार्ट प्रीपेड मीटर की शिकायतों पर हाईकोर्ट ने बिहार सरकार और बिजली कंपनियां को दिया ये निर्देश

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पटना हाईकोर्ट ने बिहार के विद्युत उपयोगी के हित में आज एक बड़ा ऑर्डर दिया है। हाई कोर्ट ने बिहार के विद्युत उपयोगी के दिक्कतों का सामाधान के लिए एक फोरम स्थापित करने को कहा है। गवर्नमेंट के बिजली विभाग के साथ ही उत्तर व दक्षिण बिहार बिजली वितरण कम्पनियों को यह बतलाया गया है। इस फोरम को तीन सप्ताह में स्थापित कर देना है।

चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने इलेक्ट्रॉनिक विद्युत मीटर की सर्च कराने के लिए दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ये ऑर्डर दिया है। बताया गया है कि बिहार बिजली (संशोधन) नियमावली, 2020 के तहत विद्युत उपभोक्ता दिक्कतों का निवारण फोरम को अनिवार्यतः स्थापित किया जाए। कोर्ट ने तीन हफ्ते के बाद इस के तहत में डेवलपमेंट रिपोर्ट को भी पेश करने को कहा है। अब इस के तहत पर अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद की जाएगी।

मात्र बिहार में लग रहा ऐसा मीटर, आ रही बहुत शिकायतें
बता दें कि देश में बिहार सिर्फ एक राज्य है, वहा स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जा रहा है। मार्च 2025 तक राज्य के लगभग 1 करोड़ 70 लाख के घर स्मार्ट मीटर लगाना है। कैपिटल सिटी पटना के साथ पूरे राज्य में दिसंबर 2021 तक लगभग 4 लाख स्मार्ट मीटर लगाए दिए जा चुके हैं। अगले साल जुलाई तक 23।5 लाख मीटर लगाने का उद्देश्य तय किया गया है। जबकि जहां-जहां स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, वहां से किन्ही प्रकार की गंभीर दिक्कतें आ रही हैं।

उसमे जरूरी तौर पर बहुत अधिक बैलेंस कटने की शिकायतें आ रही हैं। पटना में ही एक डॉक्टर के घर तीन ही दिनों में 3300 रुपए कटे जाने की शिकायत मिली थी। प्रीपेड मीटर में बैलेंस होने पर भी विद्युत गायब होने की शिकायतें आई हैं। बहुत उपभोगताएं हैं, जिन्हें सर्च करना नहीं आता, ऐसे में बैलेंस समाप्त होने पर विद्युत कट जा रही है, जिससे वे परेशान हो जा रहे हैं।