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स्टार्टअप की मदद के उद्देश्य से आदित्य और मानस ने शुरू किया स्टार्टअप, हर महीने कमा रहे एक लाख रुपए

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वर्तमान समय में युवा लोग खुद का स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं। उन युवाओं को स्टार्टअप का चयन, आइडिया को लागू करना, मार्केटिंग, फंड जैसे दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। उनकी दिक्कतों का समाधान करने के लिए सामने आए दिल्ली के आदित्य और मानस। इन दोनों ने पेडल स्टार्ट नाम से अपना स्टार्टअप शुरू किया। ये दोनों नए स्टार्टअप के लिए आइडिया, प्लानिंग और मार्केटिंग से संबंधित जानकारी देते हैं। इन दोनों ने अभी तक करीब दो हजार से अधिक स्टार्टअप को सपोर्ट कर चुके हैं। उनका साल भर का टर्नओवर 12 लाख रुपए है।

आदित्य इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुके हैं और वहीं मानस इंजीनियरिंग ड्रॉप आउट हैं। दोनों ने काफी समय तक अलग–अलग स्टार्टअप के लिए कार्य किए हैं और कई स्टार्टअप में कोर टीम का हिस्सा रहे हैं। आदित्य ने बताया कि काफी समय से इस क्षेत्र में काम करने की वजह से उन्हें स्टार्टअप की काफी समझ हो गई है। उन्हें स्टार्टअप की शुरुआत और उनके लिए जरूरी चीजों की भी जानकारी है। लॉकडाउन की वजह से पिछले वर्ष उन्होंने घर से ही अपना कार्य किया। लॉकडाउन की वजह से कई लोगों के जॉब छूट गए और वे लोग नए स्टार्टअप शुरू करने की तैयारी कर रहे थे। उसी वक्त उनके मन में विचार आया कि एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया जाए जिससे नए स्टार्टअप की शुरुआत करने वालों को मदद मिल सके। इसके पश्चात आदित्य ने मानस के साथ अपने इस आइडिया को साझा किया और दोनों ने मिलकर पेडल स्टार्ट के नाम से अपने स्टार्टअप की शुरुआत की।

मानस कहते हैं कि छोटे शहरों में स्टार्टअप की शुरुआत करने वाले लोगों को रास्ता दिखाने वाले नहीं हैं। इस स्थिति में अपने इस आइडिया को लगने करने में उन्हें काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। इसकी वजह से इन दोनों ने शुरुआत से ही छोटे शहरों पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया की मदद से कई ग्रुप बनाकर स्टार्टअप की शुरुआत करने वाले लोगों को जोड़ने के साथ सपोर्ट करने का काम शुरू किया। उनके पास अनुभव होने की वजह से अच्छा रिस्पॉन्स भी मिलने लगा और नए स्टार्टअप जुड़ने लगे।

एक नए स्टार्टअप की शुरुआत के लिए जरूरी चीजों को आदित्य की टीम उन्हें उपलब्ध कराती है जिसके लिए उनके साथ करीब 10–12 एक्सपर्ट और मेंटर्स जुड़े है। इसके अलावा उनका टाइअप कई बड़े कई बड़े स्टार्टअप्स के फाउंडर और इन्वेस्टर्स से भी है। जब कोई नए स्टार्टअप के लिए उन्हें एप्रोच करता है तो हम उनकी बेसिक जानकारी हासिल करते हैं। इसके पश्चात उनके आइडिया और प्लानिंग पर चर्चा करते हैं। इससे हमें पता चल जाता है कि सामने वाला उस आइडिया के लिए कितना तैयार है। साथ ही उस चीज के प्रति उसके पैशन का भी पता चल जाता है। इसके बाद उन लोगों को अपने मेंटर्स या बड़े एंटरप्रेन्योर से मिलवाया जाता है जिससे उनका कॉन्सेप्ट क्लियर हो जाए।

इसके बाद हम पीआर टीम से कॉन्टैक्ट कराते हैं और प्रमोशन के लिए सपोर्ट किया जाता है। साथ ही सोशल मीडिया और डिजिटल मार्केटिंग पर फोकस किया जाता है। इसके अलावा फंड की कमी होने पर इन्वेस्टर्स उपलब्ध कराया जाता है और फंड हासिल करने से संबंधित जानकारी देते हैं। आदित्य बताते हैं कि हमारे पास रेवेन्यू के लिए तीन मॉडल हैं जिनमें एक सब्सक्रिप्शन मॉडल, दूसरा इक्विटी और तीसरा मॉडल है इन्वेस्टर्स से कमीशन शामिल है। हमारे साथ जुड़े स्टार्टअप से हम मंथली सब्सक्रिप्शन चार्ज करते हैं और उनकी इक्विटी में दो से तीन प्रतिशत हिस्सेदारी हमारी भी होती है। इसके साथ ही हमारे साथ जुड़े इन्वेस्टर्स से हम दो से तीन फीसदी चार्ज लेते हैं।