Connect with us

BIHAR

सरकार द्वारा उठाए गए बड़े कदम, मकान बनाने वाली सामग्री हुई सस्ता, पढ़े पूरी ख़बर

Published

on

WhatsApp

स्टील, लौह अयस्क, प्लास्टिक, कोकिंग कोल के साथ कई कच्चे माल पर काफी अधिक आयात शुल्क लगता था। परंतु सरकार द्वारा लिए गए ज़रूरी फैसले के बाद इसके आयात शुल्क में कमी की गई है। इसके फलस्वरूप मकान निर्माण की लागत में कमी होगी। इसके साथ ही कार और स्कूटर की कीमतों में भी राहत मिलने की उम्मीद है। पिछली शनिवार के दिन सरकार द्वारा ज़रूरी घोषणा की गई थी जिसमें विभिन्न प्रकार के कच्चे माल के आयात शुल्क के साथ पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कमी करना शामिल है। वहीं सोमवार के श्रीसीमेंट कंपनी द्वारा सीमेंट के मूल्य में कटौती करने की बात कही।

इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट काउंसिल के अनुसार स्टील की कीमत में 15 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है। वहीं लौह अयस्क में भी प्रति टन चार हजार रूपए की कमी होगी। ढुलाई लागत कम होने से अन्य जिंसों के दाम भी कम होने की संभावना है। वहीं मकान निर्माण की लागत में गिरावट होने के फलस्वरूप वास्तविक खरीदार को भी राहत प्राप्त होगा। नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के मुताबिक लागत बढ़ने से डेवलपर्स पर दाम बढ़ाने का दबाव था। परंतु सरकार द्वारा उठाए गए इस फैसले से राहत मिलेगी। मकान के निर्माण के लिए लोहा, स्टील, सीमेंट की जरूरत होती है। इसके मूल्य में गिरावट होने जा रही है। मारुति सुजुकी जैसी बड़ी वाहन कंपनियां भी लागत कम होने की समीक्षा कर रही हैं। इसका लाभ उपभोगताओं को दिया जा सकता है।

कुछ दिन पहले ही स्टील के कीमत में लगातार वृद्धि होने की वजह से कई कार कंपनी अपने कार की कीमत को बढ़ाने पर विचार कर रही थी। उपभोक्ताओं को राहत मिलने के साथ ही छोटे उद्यमियों के भी कारोबार में तेजी आने की उम्मीद है। जानकारी के मुताबिक स्टील और लौह अयस्क के कीमत में गिरावट की वजह से इन वस्तुओं से संबंधित छोटे-छोटे उत्पाद के मूल्य भी कम होंगे जिससे इनकी बिक्री बढ़ेगी। छोटे उद्यमियों को कच्चे माल की खरीद के लिए अब कम पूंजी की जरूरत होगी। लागत कम होने से प्लास्टिक से जुड़े आइटम भी सस्ते हो जाएंगे।

लागत कम होने से इंजीनियरिंग उत्पाद से लेकर प्लास्टिक उत्पाद के निर्यातकों की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ जाएगी। इसकी वजह से मैन्यूफैक्चरिंग को भी प्रोत्साहन मिलेगा। कहा जा रहा है कि यदि सरकार के फैसले से कुल महंगाई दर कम होगी तो उससे भी मांग प्रोत्साहित होगी।