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शिक्षा हब बनेगा मीठापुर, तीन विश्वविद्यालय के लिए जमीन आवंटन जल्द; दी जाएंगी ये कॉमन सुविधाएं

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पटना मीठापुर बस स्टैंड का पूरा जगह पूरी तरह से एजुकेशन का हब बनवाया जाएगा। इस पर तैयारियां पूरी की जा चुकी है। मुख्य सेक्रेटरी ने पटना जिलाधिकारी को चिह्नित भूखंड को जल्द ही आवंटन करने का इंस्ट्रक्शन दे दिया गया है। मीठापुर एजुकेशन हब में तीन और नए यूनिवर्सिटी बनाये जाएंगे। किसे कितनी जमीन आवंटित की जानी है, इसी पर डिसीजन दे कर जिला प्रशासन को अलाइनमेंट तय करने की रिस्पॉन्सिबिलि दी गई है। इसके निर्माण की तैयारी शुरू की जा चुकी है।

बस स्टैंड शिफ्ट होने के बाद मीठापुर में अभी करीब 23 एकड़ जमीन खाली बची हुई है। इतने भूखंड को भिन्न भिन्न ग्रुपों में डिवाइड किया गया है। गवर्नमेंट की ओर से बनाए ग्रुप के मुताबिक भूखंड ए और बी में तीनों यूनिवर्सिटी बनाये जाएंगे। उसमे पाटलिपुत्र विवि के बजाएं बिहार चिकित्सा शिक्षा व बिहार तकनीकी शिक्षा विश्वविद्यालय बनवाए जाएंगे।

वहीं भूखंड सी में सारे इंस्टीट्यूट के लिए कॉमन फैसिलिटीज उपलब्ध करवाई जाएंगी। जिसमे आउटडोर स्टेडियम, इंडोर स्टेडियम, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, स्वास्थ्य केंद्र, फायर स्टेशन बनया जाने की कोशिशहै। इसका डीपीआर बनवाया जा रहा है।

वहीं, भूखंड डी पूरी तरीके से ग्रीन रोड के तौर पर निर्माण किया जाएगा। उसके लिए कमेटी बनाई जाएंगी। मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी यूनिवर्सिटी के कैंपस और मुख्य द्वार से चंद्रगुप्त मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट को जोड़ने वाली रोड के मध्य का एरिया नक्शा में ई के रूप में अंकित है। वह पूर्व से हरित एरिया के रूप में प्रस्थापित है, परंतु प्रस्तावित मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के बन जाने के बाद एरिया सी में यातायात के लिए चौड़ा करने लिए एरिया ई को समिलिता किया जाएगा, ताकि पीछे की ओर स्थित इंस्टीट्यूट में यातायात की अच्छी फैसिलिटीज दी जा सके।

इग्नू सेंटर की दीवार पीछे होगी भूखंड डी के संपूर्ण डेवलपमेंट के लिए इग्नू के एरिया सेंटर की चारदीवारी को 9 मीटर पीछे करने का सुझाव है, ताकि मध्य की कॉमन हरित पट्टी रोड और चौड़ी की जा सके।

भवन बनने के बाद होगी पीपीयू की ग्रेडिंग
पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के नवनियुक्त कुलपति मंगलवार को एजुकेशन मिनिस्टर विजय कुमार चौधरी से मिलेंगे। यूनिवर्सिटी के कुलपति पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की भूमि जल्द प्राप्य कराने मांग करेंगे, ताकि जल्द काम आरंभ किया जा सके। जमीन अधिग्रहण के बाद यूनिवर्सिटी तेजी से आगे बढ़ते हुए यूजीसी की स्वेकारन 12 (बी) को प्राप्त कर लेगा। इसके वजह से इसे आर्थिक मदद मिलना शुरू हो जएगा। नैक से ग्रेडिंग के लिए बनना शुरू हो जाएगी।