BIHAR
शादी के 13 वर्ष पश्चात दारोगा बनीं दो बच्चों की मां अनीता, पति चलाते हैं आटा चक्की; पढ़े पूरी कहानी
बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा दारोगा और सार्जेंट की परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है। इस परीक्षा में कुल 2213 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। इसमें से दरोगा के लिए 1998 और सार्जेंट के 215 उम्मीदवार का चयन किया गया है। वहीं इस परीक्षा में सफल होने वाली महिलाओं की संख्या 826 है जिसमें से दरोगा में 742 और सार्जेंट में 84 महिलाएं सफल हुई। इन्हीं में से एक महिला जहानाबाद की है जिन्होंने अपनी शादी के 13 वर्ष बाद अपने कठिन परिश्रम से दरोगा एग्जाम में सफल हुई। दरअसल उनका नाम अनीता है।
अनीता की शादी 13 वर्ष पूर्व हुई थी और वह एक गृहिणी थी। इस दौरान अनीता के दो बेटे भी हुए परंतु शादी के पश्चात भी अनीता ने दरोगा के एग्जाम की तैयारी जारी रखी। इस दौरान उनके पति ने घर की जिम्मेदारी संभाली। अनीता ने पहले सिपाही की नौकरी हासिल की और अब उसी विभाग में दारोगा बन गईं।
अनीता के पति जहानाबाद के होरिलगंज मोहल्ला में आटा चक्की की मशीन चलाते हैं। संतोष ने उसी आटा चक्की के माध्यम से किसी प्रकार अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ परिवार संभाल रहे थे परंतु पत्नी को गृहस्थी में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
अनीता समाज के लिए कुछ करना चाहती थी। इसके लिए उन्होंने शादी के दस वर्ष पश्चात सबसे पहले पुलिस ज्वाइन की। इस दौरान उनका हौसला बढ़ा जिसके बाद वर्ष 2020 में दरोगा की वेकेंसी आई तब उन्होंने सुनिश्चित कर लिया कि वे इस नौकरी को करेगी। अनीता तब तक रोहतास में आरक्षी के पद पर कार्यरत थी। इस दौरान उन्होंने पहले पीटी फिर फिजिकल निकाला और फाइनली एसआई की नौकरी ले ली।
परिणाम आने के पश्चात अनीता के जहानाबाद पहुंचते ही परिजनों द्वारा माला और मिठाई से उनका स्वागत किया गया। उनके इस कामयाबी के पीछे उनके पति का हाथ है जिन्होंने हर मुश्किल समय में अनीता का साथ दिया।
अनीता में इस सफलता से यह संदेश दिया कि हर सफलता के पीछे आपकी सोच और विचार का बहुत बड़ा योगदान होता है। किसी भी कार्य की शुरुआत करने से पूर्व अगर आपके मन में उत्साहहीनता या असफलता के भाव और विचार आते हैं तो निश्चित आप कभी सफल नहीं हो सकते है। अनीता के दृढ़ संकल्प की वजह से ही शादी के 13 वर्ष बाद भी दरोगा की नौकरी हासिल की।