BIHAR
विधवा मां के कष्टो को देखकर, पहली प्रयास में ही बीपीएससी में सफलता प्राप्त कर रचा इतिहास
आज हम ऐसे ही एक शख्सियत के बारे में जानेंगे जिन्होंने अपनी मां के संघर्षों को समाप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और पूरे लग्न से पढ़ाई की और पहले ही कोशिश में बीपीएससी परीक्षा को पास किया। इनका नाम एखलाक उर रहमान है। इन्होने पहले टीएनबी कॉलेज से 12वीं की पढ़ाई की और ग्रेजुएशन की पढ़ाई खत्म करने के बाद वे बीपीएससी की तैयारी में लग गए। उनका चयन बीपीएससी के कृषि सेवा के लिए हुआ।
भागलपुर
भीखनपुर के हटिया में रहते हैं एखलाक उर रहमान। जब वह बच्चे थे तब ही उनके पिता कद्दुस अंसारी की मौत हो गई। उसके बावजूद उनकी मां शहनाज खातून ने हौसला नहीं खोया। वे अपने बेटे को उच्च शिक्षा देना चाहती थी, जिसके लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया। इसी का परिणाम है कि उनके बेटे एखलाक उर रहमान ने बीपीएससी की परीक्षा में सफलता की है। वे फिलहाल फूड कारपोरेशन आफ इंडिया में श्रेणी एक पद में कार्यरत हैं।
एखलाक ने अपनी प्राथमिक शिक्षा सीएमएस हाई स्कूल से की। उसके बाद वे 12वीं के पढ़ाई के लिए टीएनबी कॉलेज चुना। 12वीं की पढ़ाई करने के बाद ग्रेजुएशन के लिए उन्होंने बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में नामांकन कराया। वहां से स्नातक की डिग्री हासिल की। उसके बाद वे बीपीएससी परीक्षा में लग गए और उसमे सफल भी हुए। उनका पहला चयन तकनीकी सहायक के पद पर हुआ। उसके बाद विषय वस्तु विशेषज्ञ और फिर भारत सरकार की सेवा में भी आ गए।
एखलाक ने बताया कि उनके पिता रजिस्ट्री कार्यालय में काम करते थे। बचपन में उनके पिता की मौत के कारण घर का सारा भर उनकी मां पर आ गया। लेकिन उनकी मां ने हिम्मत नहीं हारी और संघर्ष कर एखलाक की पढ़ाई कराई। उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया। उनकी सफलता पर अताउर रहमान, जदयू के प्रवक्ता राकेश ओझा, आनंद सागर, शाहरूख, फारूक आदि ने बधाई दी है। एखलाक ने कहा कि यदि मां-पिता का आर्शीवाद और अपना लक्ष्य हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है।