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लॉकडाउन में छूटी जॉब, उधार के पैसों से मशरूम की खेती कर कमाई 3 लाख रुपए, साथ ही कर रहीं रोजगार का सृजन

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आज के वर्तमान समय में हर एक क्षेत्र में महिलाओं ने अपना योगदान दिया है। ऐसी है कहानी मोतिहारी की रहने वाली जैनब बेगम की है जिन्होंने अपने मेहनत से सफलता हासिल की और महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बनी। जैनब बेगम 25 वर्षीय महिला हैं। आज वह एक आत्मनिर्भर महिला के रूप में छह लोगों को रोजगार भी दे रही है। जैनब ने केवल 400 रुपए उधार लेकर मशरूम की खेती शुरू की थी। आज जैनब मशरूम की खेती कर साल में लगभग 3 लाख रुपए कमा लेती है।

जैनब ने एमए तक की पढ़ाई पूरी की है। वर्ष 2020 के पूर्व वह पटना के एक एजुकेशनल कंसल्टेंसी कंपनी में जॉब किया करती थी। वह पटना में एक किराए के मकान में रहती थी। उनके पति और उनका पूरा परिवार गांव में रहते थे। इसी बीच कोरोना संक्रमण के कारण मरीजों की संख्या बढ़ने लगी। बढ़ते मरीजों की वजह से सरकार ने सम्पूर्ण लॉकडाउन कर दिया। लॉकडाउन की वजह से उनकी जॉब छूट गई जिसके बाद पटना में रहना मुश्किल हो गया था। इसके बाद वह अपने गांव बरहरवा वापस चली गई।

किसी कारणवश एक दिन वह बस से पटना जा रही थी। बस में एक व्यक्ति से उनकी बात हुई। उससे बात करने के दौरान जैनब के मन में मशरूम की खेती का विचार आया। इसके बाद जैनब ने यूट्यूब पर कुछ वीडियो देखे। समस्तीपुर के पूसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी जाकर मशरूम की खेती के बारे में जानकारी ली।

जैनब बेगम के मन में मशरूम की खेती का विचार आया। परंतु रुपए नहीं होने के कारण वह खेती की शुरुआत नहीं कर पा रही थी। खेती के लिए उन्होंने अपने एक पहचान वाले से 400 रुपए उधार लिए। इन रुपयों से उसने पटना से 2 किलोग्राम मिल्की मशरूम का बीज खरीदा। फिर 10 बैग से मशरूम का काम शुरू किया। धीरे-धीरे काम बढ़ता चला गया और आज वे 100 बैग से अधिक मशरूम लगा रही है। मशरूम के बढ़ते उत्पाद को देख व्यापारी खुद जैनब से संपर्क कर रहे हैं।

जैनब बेगम कहती हैं कि मशरूम की खेती में वह अपना भविष्य देख रही है। इसके अलावा वह अपने काम को और बढ़ा कर लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रही हैं। जैनब को एक सीजन में लगभग डेढ़ लाख रुपए का फायदा हुआ। इस तरह जैनब ने पहले साल करीब 3 लाख की कमाई की। जैनब ने अब पड़ोसी देश नेपाल में भी अपने उत्पाद बेचने की तैयारी कर रही है।