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BIHAR

लाल ईंट–भट्ठों के लिए लाइसेंस मिलने पर रोक, जानें क्या है नई व्यवस्था

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सरकार द्वारा मिट्टी के ऊपरी परत के संरक्षण के लिए निर्णायक फैसला लिया गया है। इसके तहत सरकार द्वारा लाल ईंट-भट्ठों को लाइसेंस देने पर रोक लगा दिया गया है। आज के वर्तमान समय में बिहार में लगभग पांच हजार लाल ईंट-भट्ठों का संचालन जारी है। इसके अलावा नेशनल पावर थर्मल कारपोरेशन द्वारा 300 किमी के दायरे में ईंट निर्माताओं को फ्लाई-ऐश उपलब्ध कराया जाएगा।

मंगलवार के दिन पटना के एक होटल में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद एवं डेवलपमेंट अल्टरनेटिव के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजित कार्यक्रम में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह द्वारा इन उक्त बातों की जानकारी दी गई। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन की भी बात की। इसके गाइडलाइन के अनुसार एनटीपीसी द्वारा मुफ्त में 300 किमी की सीमा में ईट–भट्ठों को फ्लाई-ऐश उपलब्ध कराया जाएगा। मंत्री ने एनटीपीसी में फ्लाई–ऐश में हो रहे धांधली को लेकर बात कही और साथ ही कहा कि इसका निवारण किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि ईंट निर्माताओं को फ्लाई-ऐश नहीं मिलने पर अपना प्लांट बंद कर देंगे। इसके परिणामस्वरूप बिहार में बेरोजगारी बढ़ जाएगी।

मिट्टी की ऊपरी परत काफी उपजाऊ होने के वजह से सरकार द्वारा इसके संरक्षण के लिए पदम उठाया जा रहा है। यह बात पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी द्वारा कही गई। इस खास मौके पर बिहार राज्य के प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष प्रो.अशोक कुमार घोष भी मौजूद थे जिन्होंने कहा कि फ्लाई-ऐश का सही निष्पादन बेहद जरूरी है। इसका सही निष्पादन न करने पर इसका विपरीत प्रभाव पर्यावरण पर पड़ेगा। इसके निष्पादन में एनटीपीसी अहम भूमिका निभाएगा। वहीं एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक एम.वी.आर.रेड्डी ने कहा कि बिहार के ईंट निर्माताओं को फ्लाई-ऐश उपलब्ध कराने के लिए समुचित व्यवस्था की जाएगी।

कार्यशाला में डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स के उपाध्यक्ष सौमेन मैती का कथन है कि बिहार में फ्लाई-ऐश ईंट निर्माताओं को नहीं मिलना एक गंभीर समस्या है। वहीं कार्यशाला में पर्षद के विश्लेषक डॉ. नवीन कुमार द्वारा फ्लाई-ऐश की गाइडलाइन पर विस्तार से चर्चा की गई। ज्ञापन पर्षद के सदस्य सचिव द्वारा कार्यशाला मे आए अतिथियों का धन्यवाद किया गया।