BIHAR
राशन कार्डधारियों को पांच लाख तक मुफ्त इलाज की योजना, बिहार सरकार लेगी खर्च की जिम्मेदारी
बिहार के हर राशन कार्डधारकों को प्रत्येक वर्ष पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। अभी तक करीब साढ़े पांच करोड़ व्यक्ति इस योजना का लाभ ले रहे थे। वहीं बिहार सरकार अन्य चार करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ देने की तैयारी में है। गुरुवार के दिन विधान सभा में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इस बात की घोषणा की।
मंत्री ने कहा कि अब राज्य के नए 85 लाख लोगों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य सरकार स्वयं खर्च कर इस सुविधा को उपलब्ध कराएगी। वित्तीय वर्ष 2022–23 में इस सुविधा की शुरुआत की जानी है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के एक करोड़ नौ लाख परिवार के सदस्यों को आयुष्मान योजना के अंतर्गत प्रति वर्ष पांच लाख तक की चिकित्सा सुविधा मुफ्त में उपलब्ध करायी जाती है। इन लाभार्थियों की सूची में राज्य के 85 लाख राशन कार्डधारी परिवार शामिल नहीं थे जिन्हें आयुष्मान योजना की तर्ज पर ही चिकित्सा सुविधा राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी।
कोविड–19 की वजह से हर क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई सभी के लिए एक चुनौती है लेकिन देश के साथ बिहार ने भी इस चुनौती को अवसर में बदल दिया है। 2020 का विधानसभा चुनाव हो या अन्य त्योहार, बिहार ने सभी को सफलता से पूरा किया है और आज बिहार मॉडल की चर्चा पूरे देश में की जा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रतिदिन 488 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता विकसित हो गई है। कोरोना के समय में एक दिन में 230 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत होती थी। राज्य में 122 जगहों पर यह सुविधा बहाल कर दी गई है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कोरोना ड्यूटी के समय मृत्यु की स्थिति में स्वास्थ्य कर्मियों के आश्रितों को 50 लाख देने का प्रावधान है। इसके तहत बिहार के 101 स्वास्थ्य कर्मियों के आश्रितों को 50 लाख बीमा राशि का भुगतान किया गया है। मुंगेर और मोतिहारी में नए मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल की स्थापना के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की जिनमें 150 एमबीबीएस के नामांकन की क्षमता होगी। इसके पहले 11 नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना पर कार्य जारी है। 2022-23 में इसके लिए 16 हजार 134 करोड़ के बजट की स्वीकृति दी गई।
मंत्री ने यह भी कहा कि शहरी क्षेत्रों में 20 मिनट और गांवों में 35 मिनट में मरीजों तक एंबुलेंस पहुंचेगी जिसे अगले तीन माह के अंदर शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए एक हजार एंबुलेंस के खरीद की प्रक्रिया जारी है। वर्ष 2020-25 के अंतर्गत आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 के अंतर्गत गांव तक लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री के इस प्रयास से शेष 85 लाख परिवार को यह सुविधा दी जायेगी। राज्य सरकार अपनी राशि से यह सुविधा देगी। इस साल इस पर 125 करोड़ खर्च का अनुमान है।