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रांची के शुभम को अमेजन का ऑफर, मिला 1.5 करोड़ का पैकेज, गूगल समर ऑफ कोड के जरिए हुआ सेलेक्शन
कोशिश तो हर कोई करता है, लेकिन किसी को सक्सेस जल्दी मिलती है तो किसी को वर्षो तक सक्सेस के लिए प्रयास करना पड़ता है। जबकि आज हम एक ऐसे वेक्ती के बारे में बात करेंगे, जिसे बहुत जल्द ही सक्सेस प्राप्त कर ली ।
अरगोड़ा कुंजविहार (Kunjvihar) के रहने वाले शुभम राज (Shubham Raj) को ऑफ कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से ‘अमेजन’ में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब मिली है। इसी मंगलवार को HR के राउंड इंटरव्यू के बाद शुभम को अमेजन के ओर से ज्वाइनिंग लेटर आया है।
शुभम को अमेजन की ओर से 1.3 लाख यूरो यानी 1.15 करोड़ धनराशि का ऑफर मिला है। फिलहाल अमेजन ने उन्हें अपनी शिक्षा पूरी कर सितंबर 2022 तक बर्लिन स्थित ऑफिस को जॉइन करने को बोला गया है। प्रेजेंट में शुभम ट्रीपल आइटी अगरतला में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग फाइनल इयर के स्टूडेंट हैं और वे मई 2022 में पासआउट हो जाएंगे। शुभम के द्वारा बताया गया हैं कि कॉलेज कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से उन्हें अपस्टॉक्स (स्टॉक एक्सचेंज कंपनी) मे जॉब मिली थी।
प्रेजेंट में शुभम घर से हीं वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे और यूरोपियन कंपनियों में जॉब करने के लिए कोशिश कर रहे थे। उन्होंने अक्तूबर माह में अमेजन के लिए एप्लीकेशन भेजा था। एप्लीकेशन एक्सेप्ट कर उन्हें टेस्ट के लिए बुलवाया गया, जिसमें उन्होंने सक्सेस प्राप्त की और 15 दिसंबर को फर्स्ट लेवल का इंटरव्यू क्लीयर कर अपनी जगह बनाने में पास हुए। अब शुभम HR राउंड के लिए चुने गये।
शुभम के पिता केंद्र गवर्नमेंट में ऑडिटर का काम करते हैं। उनके मुताबिक शुभम को स्कूल के वक्त से ही कंप्यूटर साइंस के सब्जेक्ट में काफी दिलचस्पी थी। यहां तक कि जेवीएम श्यामली में 12वीं की शिक्षा के दौरान उन्होंने एचटीएमएल, सी प्लस प्लस को सीख कोडिंग करना आरम्भ कर दिया। शुभम को 12वीं की एग्जाम में 86 फीसदी अंक मिले थे और उसमे सबसे अधिक कंप्यूटर में 98 अंक मिला था।
12वीं के बाद शुभम इंजीनियरिंग कॉलेज के सीएस ब्रांच को ज्वाइन कर लगातार कोडिंग में सोयम को आगे बढ़ाए। इसके तीसरे साल में मई 2021 में वह गूगल समर ऑफ कोड (जीएसओसी) से जुड़े, उसे तीन महीना काम करने पर उन्हें फाइनल इयर के कैंपस प्लेसमेंट में मौका मिला। शुभम के मुताबिक जीएसओसी के एक्सपीरियंस को देखते हुए उन्हें अमेजन के लिए चुना गया। शुभम अपनी सक्सेस का श्रेय अपने माता-पिता को देते है।