BIHAR
मोतीहारी में बनेगा बिहार का पहला गंडक बायोडायवर्सिटी पार्क, नौकायन की सेवा की जायेगी विकसित
मोतिहारी-मुजफ्फरपुर सीमा पर स्थित मेहसी के भीमलपुर जंगल के दिन जल्द ही बहुरेंगे। जंगल में बिहार का पहला नदी आधारित गंडक बायोडायवसिर्टी पार्क बनवाया जायेगा। उसे यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क की तर्ज पर डेवलप करवाया जायेगा। यह जंगल 302 एकड़ जमीन पर फैला है। उसके मध्य में बुढ़ी गंडक नदी बहती है। बुढ़ी गंडक नदी के किनारे हैंगिंग ब्रिज का को बनवाया जाएगा। प्रथम फेज में बुढ़ी गंडक नदी के किनारे पर हैंगिंग ब्रिज को बनवाया जाएगा। उसके हेतु कार्य योजना तैयार की जा रही है। ब्रिज के जरिए से भूमि के खंडों को कनेक्ट किया जायेगा। उसके सहित ही मूलभूत सुविधाओं को विकसित करवाया जायेगा। DM शीर्षत कपिल अशोक व वन प्रमंडल अधिकारियों ने जंगल का सर्वे कर निर्देश जारी किया।
कहा गया कि गंडक बायोडायवर्सिटी पार्क को बनवाया में गति देने के हेतु पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन डिपार्टमेंट के अपर मुख्य सचिव अगले पक्ष में स्थल सर्वे करेंगे। यह वन भूमि भौगोलिक स्वरूप से बेहद ही मनोरम है एवं बूढ़ी गंडक इस वन क्षेत्र के मध्य से बहती है जो उस इलाके को बेहद ही रमणीय बनाती है। उन्होंने वन क्षेत्र के पहुंच पथ को सुगम बनवाने के हेतु RCD के जरिए से पाथ से जोड़ने के हेतु सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया।
वन भूमि की अखंडता को बनाये रखने के हेतु कई लेवल से पहल किये जायेंगे। छिट पुट बंदोबस्त किए गये गैर मजरूआ भूमि को बायोडायवर्सिटी पार्क के अधीन लाया जायेगा। गंडक सफारी के जरिए से नौकायन की सेवा डेवलप करवाई जायेगी। वन डिपार्टमेंट इस बाबत एक विस्तृत प्रोजेक्ट तैयार करेगा।