Connect with us

MOTIVATIONAL

मात्र 16 वर्षीय आदिप्रिय ने दिलाई अपनी पेंटिंग को अंतरराष्ट्रीय पहचान, इन्होंने असंभव को किया संभव

Published

on

WhatsApp

उम्र मात्र 16 वर्ष और प्रसिद्धि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर। उम्र और उपलब्धियों का ताल-मेल इस कहानी को एक अच्छी दिशा दे रही है। कहानी कहा मुख्य पात्र हैं रंगों के माध्यम से दुनिया को जीतने की इच्छा रखने वाले आदिप्रिय।

आदि प्रिय फरीदाबाद में स्थित नई पुलिस लाइन के स्थाई निवासी हैं। अभी ये 11वीं क्लास में पढ़ते हैं। ये अपनी जिंदगी का मुख्य भाग और रंगों को मानते हैं। ऑयल कलर, एक्रीलिक, पेंसिल, चारकोल, नाइफ इन सभी के सहारे आदि पेंटिंग बनाने में महारत हासिल की है। पेपर और कैनवास को रंगीन करने के साथ-साथ इन्होंने दीवाल पेंटिंग भी काफी खूबसूरत करते हैं। इन्होंने अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी अपना नाम दर्ज करा चुके हैं और अब वे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल करने की चाह रहे हैं।

आदिप्रिय की जिंदगी में कैसे हुई पेंटिंग की शुरुआत

शुरुआती दौर में आदिप्रिय को पेंटिंग में कोई रुचि नहीं थी और ना ही रंगों का अच्छा शिक्षा थी। उनको वर्ष 2018 में इनके जीवन में कल रंगों ने अपनी दस्तक दी, जब वे आठवीं क्लास में पढ़ते थे। इनको विद्यालय के तरफ से एक पेंटिंग प्रोजेक्ट मिला हुआ था। जिसमें उन्होंने इस प्रोजेक्ट को बनाते समय इनकी इच्छा चित्रकारी की ओर धीरे-धीरे बढ़ने लगी। विद्यालय में आदी की पेंटिंग की काफी प्रशंसा होने लगी। इनके चित्रकारी को देख कर इनके पिता प्रीतम सिंह ने भी काफी तारीफ की और बच्चों को का हौसला बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह के कलर, ब्रश, कैनवास ले आए। आदि सोशल मीडिया के सहायता से प्रतिदिन काफी बेहतर करते गए। आदीप्रिय लगातार 12 घंटे तक पेंटिंग कर लेते हैं।

आदि की कुछ उपलब्धियां

प्रथम राष्ट्रीय पेंटिंग प्रदर्शन (साल 2018) – आजाद भवन, दिल्ली;
अंतरराष्ट्रीय पेंटिंग प्रदर्शन (साल 2019) वर्ल्ड आर्ट, दुबई; इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड ने यंगेस्ट नेवी आर्टिस्ट का खिताब दिया (साल 2019)