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भागलपुर-सूरत और सुपर एक्सप्रेस में एलएचबी कोच का होगा आगमन, जानें एलएचबी की विशेषता
भागलपुर-सूरत और जमालपुर-हावड़ा सुपर एक्सप्रेस का परिचालन एलएचबी कोच के साथ किया जाएगा। इसके लिए रेलवे की तरफ से तैयारी की जा रही है। खबर के अनुसार सूरत एक्सप्रेस के आइएफसी रैक को एलएचबी रैक से परिवर्तन की तारीख का ऐलान कर दिया गया है। दूसरी ओर सुपर एक्सप्रेस का एलएचबी कोच से परिचालन हेतु जल्द ही तिथि निर्धारित की जाएगी। इसका मतलब है कि दोनों ही दशाओं में एलएचबी कोच के साथ जमालपुर -हावड़ा एक्सप्रेस का जल्द ही परिचालन होगा। इसके अलावा 2 जुलाई से सूरत से खुलने वाली सूरत-भागलपुर में और 4 जुलाई से भागलपुर से खुलने वाली ट्रेन में एलएचबी कोच को शामिल किया जाएगा।
वर्तमान समय में भागलपुर-सूरत एक्सप्रेस में एसी टू टायर 1, 5 एसी थ्री टायर, 10 स्लीपर, 3 सामान्य, एक पेंट्रीकार के साथ कुल 22 आइएफसी कोच मौजूद हैं। फिलहाल जमालपुर- भागलपुर -किऊल-साहिबगंज रूट पर अंग एक्सप्रेस और विक्रमशिला सुपर फास्ट के साथ एक दर्जन ट्रेनों का परिचालन एलएचबी कोच से किया जा रहा है।
एलएचबी कोच की मदद से सूरत और सुपर एक्सप्रेस का परिचालन होने से यात्रियों को कोई झटका नहीं महसूस होगा। साथ ही यात्रियों को आरामदायक सीट उपलब्ध कराई जाएगी। मौजूद ट्रेन में आइएफसी के स्थान पर एलएचबी कोच को लगने के बाद ट्रेन की रफ्तार बढ़ जायेगी। इस कोच में उच्च स्तरीय तकनीक
उपलब्ध है जहां बेहतर शाक एक्जावर का उपयोग होता है। वजन में हल्के कोच डिस्क ब्रेक की वजह से कम समय या कम दूरी में बेहतर काम करते है।
पुराने कन्वेंशनल कोच की तुलना में एलएचबी कोच काफी विभिन्न है जिसमें उच्च स्तरीय तकनीक मौजूद हैं। इन कोचों में बेहतर एक्जावर का उपयोग किया गया है जिससे आवाज कम होगी। ट्रेन के परिचालन के समय यात्रियों को ट्रेन के चलने की आवाज काफी कम आती है। स्टील की मदद से इन कोच का निर्माण किया गया है और इंटीरियर डिजाइन एल्यूमीनियम से की जाती है। इन कोचों में डिस्क ब्रेक कम समय और कम दूरी में अच्छे ढंग से ब्रेक लगते हैं। सबसे बड़ी विशेषता है कि ट्रेन डिरेल से कपलिंग के टूटने की आशंका नहीं होती है। स्क्रू कपलिंग वाले कोचों के डिरेल होने से उसके टूटने का डर बना रहता है।