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‘ब्रह्मपुर धाम’ हो सकता है रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन का नाम, सीएम कर सकते हैं घोषणा

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यह अच्छा है कि सावन के इस पावन माह में गवर्नमेंट द्वारा बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ धाम के हेतु नई प्रोजेक्ट का ऐलान किया है। आज सीएम नीतीश कुमार ब्रह्मपुर धाम के हेतु नई प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने वाले हैं। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, सेंट्रल मिनिस्टर सह स्थानीय सांसद अश्विनी चौबे, बिहार असेंबली के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन अवधेश नारायण सिंह मुख्य गेस्ट होंगे।

टूरिस्ट मिनिस्टर नारायण प्रसाद की शिक्षकत्‍व में प्रोग्राम होगा। इसमें जिले के प्रभारी इन चार्ज मिनिस्टर मंगल पांडेय, झारखण्ड हाईकोर्ट के जज डॉ. एसएन पाठक, वशिष्ठ नारायण सिंह, MLC राधाचरण साह, विधायक शम्भूनाथ यादव, भाजपा नेता सरयू राय व MLC संजीव श्याम सिंह उपस्थित होंगे। मिली सूचना के मुताबिक आज से रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन का नाम परिवर्तित किया जायेगा।

रघुनाथपुर को बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ धाम स्टेशन के नाम से प्रसिद्ध है । आज उसकी विधिवत घोषणा सीएम नीतीश कुमार कर सकते हैं। दानापुर-डीडीयू रेलवे के आरा व बक्सर रेलवे स्टेशनों के जरिए स्थित रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन से ब्रह्मपुर धाम पांच किमी दूर है। ब्रह्मपुर धाम जाने के हेतु आरा-पटना फोरलेन भी तकरीबन दो किमी की दूरी पे है।

8 करोड़ 74 लाख 75 हजार 500 रुपये खर्च कर उस प्लान पर कार्य होना है। इसमें मंदिर परिसर का डेवलपमेंट होगा। बुधवार को गवर्नमेंट के टूरिज्म मिनिस्टर के सेक्रेटरी जनरल संतोष कुमार मल्ल ब्रह्मपुर पहुंचे। यहां जिला एडमिनिस्ट्रेशन के वरिष्ठ ऑफीसर के अतिरिक्त स्थानीय नामचीन लोगों के सहित मंदिर परिसर का मुआइना किया। बातचीत के समय में उन्होंने बताया गया कि ब्रह्मपुर धाम के हेतु सरकार की नई प्रोजेक्ट है। उसकी कर्णशिला सीएम रखेंगे।

उन्होंने ब्रह्मपुर के नैनीजोर में स्थित गोकुल तालाब को भी चैक किया । उधूरा घाट से जायजा लेने के उपरांत उन्होंने DM को इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करवाने का आदेश दिए। प्रधान जनरल ने बताया कि यह प्रकृति का वरदान है कि उतनी मनोरम स्थान ब्रह्मपुर में अवस्थित है। उसके किनारे से गुजर रही पाथ किसी हिल स्टेशन कम नहीं लगती।

टूरिस्ट डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी जनरल ने DM अमन समीर व SP नीरज कुमार सिंह के सहित ब्रह्मपुर धाम का जायजा लिया। उन्होंने मंदिर में बाबा का पूजन करने के उपरांत धाम की खासियत की सूचना ली। स्थानीय नामचीन लोगों व पंडा जी लोगों से बातचीत कर टूरिस्ट के संदर्श से भी जानकारी प्राप्त की। मंदिर परिसर से लेकर बाहर पाथ तक पैदल चलते हुए चेकिंग किया गया । उनके सहित जिला प्रशासन की टीम के अतिरिक्त स्थानीय प्रशासन के भी ऑफिसर उपस्थित रहे।

चक्की से लेकर नैनीजोर तक तकरीबन 35 किलोमीटर के दायरे में गोकुल तालाब फैला है। दियारा के लोग बताते हैं कि 1952-53 में गंगा नदी अपनी धारा की मोड़ कर यहां से तकरीबन 8 किमी उत्तर दिशा जवही दियारा के उस पार चली गई थी। तब वह अपनी चिन्ह के माध्यम से एक उप धारा छोड़ गई। वह आज गंगा नदी का भागड़ या गोकुल नदी के नाम से प्रसिद्ध हैं।

गंगा नदी की धारा गायघाट, सपही, दल्लुपुर, चंद्रपुरा, उधूरा, महुआर से मार्ग होते हुए नैनीजोर तक जाती है। एरिया के बलुआ गांव के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता शिवजी सिंह गोकुल नदी का ओवरहॉल, टूरिस्ट सेंटर के रूप में डेवलप हुआ तथा इसमें फिश ट्रेनिग सेंटर खोलने को लेकर दो दशक से संघर्षरत हैं। उसके हेतु एरिया लोक प्रतिनिधि से लेकर मुख्यमंत्री एवं पीएम तक पत्र भेजे हैं।

उन्होंने साल 2006 में विधानसभा की याचिका कमिटी के सामने भी रखा था। समिति की रिपोर्ट व अनुशंसा के उपरांत 2008 में इस नदी के डेवलपमेंट के हेतु 3 करोड़ 71 लाख का अनुमान तैयार कर संचालक, फिश डिपार्टमेंट पटना को उपलब्ध कराया गया था। परंतु 12 साल के बाद भी उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।